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________________ 58 धर्म-दर्शनों में वर्णित मृत्यु इच्छा-मृत्यु, सम्मान - मृत्यु आदि अवधारणाओं का भी तुलनात्मक मूल्यांकन किया गया है। समाधिमरण - डॉ. रज्जनकुमार द्वारा लिखित इस ग्रन्थ में जैन- परम्परा में वर्णित समाधिमरण की अवधारणा और आराधना का विस्तृत वर्णन किया गया है। ग्रन्थ के प्रारम्भ में ही लेखक ने विभिन्न धर्म की परम्पराओं में इच्छा-मृत्यु की अवधारणा का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया है। तत्पश्चात्, समाधिमरण-विषयक जैन साहित्य की समीक्षा करते हुए समाधिमरण व सामान्य मृत्यु का समालोचनात्मक अध्ययन किया गया है। चतुर्थ अध्याय साधना के क्रियापक्ष का वर्णन करते हुए जैन- परम्परा में प्राचीन, मध्य और आधुनिक काल में समाधिमरण की साधना की समीक्षा की गई है। तत्पश्चात्, लेखक ने अन्य प्रकार की इच्छा-मृत्युओं के साथ समाधिमरण की तुलना की है।' 1 समाधिमरण - कुमार रज्जन, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी 2001 Jain Education International साध्वी डॉ. प्रतिभा For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003609
Book TitleAradhanapataka me Samadhimaran ki Avadharna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratibhashreeji, Sagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2010
Total Pages242
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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