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आभार प्रदर्शन
इस समस्त शोध-कार्य में अथ से लेकर इति तक डॉ. कर्नल दलपतसिंह जी बया और प्रो. (डॉ.) सागरमलजी जैन का मार्गदर्शन मुझे प्राप्त होता रहा है। इस शोध प्रबन्ध के लेखन हेतु प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर में 8 माह और शाजापुर के जैन स्थानक में लगभग 4 माह का आवास रहा। विद्यापीठ ट्रस्ट एवं स्थानीय स्थानकवासी जैन संघ ने सेवा का जो लाभ लिया, उसके लिए उनका आभार व्यक्त करती हूँ ।
साध्वी डॉ. प्रतिभा
इस शोध-प्रबन्ध की इस पूर्णता के अवसर सर्वप्रथम मैं गुरूणी मैया श्री चरित्रप्रभाजी म.सा. को वंदन करती हूँ। उन्होंने मेरे अध्ययन हेतु जो प्रेरणा और सहयोग दिया उससे उऋण होना तो असम्भव है। साथ ही इस प्रसंग पर मेरी सहवर्ती साध्वी आस्थाजी एवं ऋषिंताजी की सेवा भावना भी सदैव स्मरणीय रहेगी। उनकी सेवा और सहयोग न मिला होता तो यह शोध-प्रबन्ध अपनी पूर्णता पर नहीं पहुँच पाता ।
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इस शोध-प्रबन्ध के कम्प्यूटर पर मुद्रण का कार्य श्री अनिल वर्मा, श्री युगेश सोनी एवं श्री शिरीष सोनी (राजा 'जी' ग्राफिक्स, शाजापुर) ने सम्पन्न किया तथा प्रूफ संशोधन कार्य श्री चेतन जी सोनी ने पूर्ण किया। अतः उन सभी को भी धन्यवाद ज्ञापित करती हूँ। अन्त में ज्ञात-अज्ञात रूप से इस कार्य में जो सहयोगी रहे हैं, उन सभी को और विशेष रूप से श्री चन्द्रप्रकाशजी झगडावत (गोटन), श्री बसन्तीलालजी बरडिया (इंदौर), समदडी श्री संघ, श्री राजेन्द्रजी मेहता (पाली) एवं श्री विजय जी शाजापुर को भी साधुवाद देती हूँ ।
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साध्वी प्रतिभा
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