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श्रमण-धर्म
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98. मनुस्मृति, 6/47-48 99. देखिए धर्मशास्त्र का इतिहास, भाग 1, पृ. 413 100. वही, पृ. 493 101. मनुस्मृति, 6/53-54 102. मनुस्मृति, 4/138 103. महाभारत शान्तिपर्व, 326/13 104. वही, देखिए पातंजल योगप्रदीप, पृ. 377 105. मनुस्मृति, 2/120 106. उत्तराध्ययन, 24/1 107. वही, 24/2 108. नियमसार, 67 109. उत्तराध्ययन, 24/23 110 नियमसार, 68 111. उत्तराध्ययन, 24/24-25 112. वही, 24/26 113. नियमसार, 69-70 114. सुत्तनिपात, 4/3 115. स्थानांग, 3/126 116. अंगुत्तरनिकाय, 3/118 117. वही, 3/120 118. उद्धृत धर्मशास्त्र का इतिहास, पृ. 494, दक्षस्मृति, 7/27-31 119. उत्तराध्ययन, 24/26 120. वही, 24/2 121. उत्तराध्ययन, 24/7 122. वही, 24/8 123. विस्तृत विवेचना एवं प्रमाण के लिए देखिए -
(अ) आचारांग, 2/3 (ब) दशवैकालिक, 5/3-6
(स) मूलाचार, 5/105-109 124. देखिए - आचारांग , 2/4/133-140, दशवैकालिक, अध्ययन, 7
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