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गृहस्थ-धर्म
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109. वही, 269/24 110. वही, 269/25 111. वही, 269/27 112. वही, 243/2-3 113. वही, 243/7 114. महाभारत शान्तिपर्व, 269/26 115. वही, 243/5-11 116. वही, 191/12 117. वही, 294/1 118. वही, 294/3-4 119. वही, 294/5-6 120. वही, 78/4-5 देखिए-महाभारत शान्तिपर्व, अ. 262, 263 121. अहिंसा सत्य अस्तेय ब्रह्मचर्य असंग्रह। शरीर-श्रम अस्वादसर्वत्र भय वर्जन।। सर्वधर्मीसमानत्वस्वदेशी समभावना। ही एकादशे सेवावी नम्रत्वे व्रत निश्चये॥ 122. यंग इण्डिया, 113, अगस्त 1920 123. मंगल प्रभात-उद्धृत नीतिशास्त्र की रूपरेखा, पृ. 318 124. गीता माता-उद्धृत नीतिशास्त्र की रूपरेखा, पृ. 318 125. सर्वोदय दर्शन ,पृ. 279 126. सर्वोदय दर्शन, पृ. 277 127. उपासकदशांग, 7/257 128. यंग इण्डिया, खण्ड 2, पृ. 1295 129. गांधीवाणी, पृ. 19 130. गांधी वाणी , पृ95 131. सर्वोदय-दर्शन, पृ. 281-82 132. दशवैकालिक, 6/21 133. प्रश्नव्याकरण, 2/2 134. उत्तराध्ययन, 6/2
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