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भारतीय आचार-दर्शन : एक तुलनात्मक अध्ययन
विरोधी राजाओं की राजकीय-सीमा का उल्लंघन कर दूसरे की सीमा में जाना। मेरी दृष्टि में इसका तात्पर्य विरोधी राज्यों में जाकर गुप्तचर का काम करना है, क्योंकि यह भी एक प्रकार की चोरी है। दूसरे, इसका तात्पर्य यह भी हो सकता है-निश्चित सीमातिक्रमण के द्वारा दूसरे राज्यों की भूमि हड़पने का प्रयास करना, अथवा बिना दूसरे राजा की अनुमति के उसके राज्य में प्रवेश करना।
___4. कूटतुला- कूटमान- न्यूनाधिक मापतौल करना - मापतौल में बेईमानी करना भी एक प्रकार की चोरी है और गृहस्थ-साधक को न्यूनाधिक मापतौल नहीं करते हुए प्रामाणिक मापतौल करना चाहिए।
5. तत्प्रतिरूपक व्यवहार-वस्तुओं में मिलावट करना-अच्छी वस्तु बताकर बुरी वस्तु देना। गृहस्थ-साधक के लिए अशुद्ध वस्तुएँ बेचना निषिद्ध माना गया है। व्यापार में इस प्रकार की अप्रामाणिकता नैतिक-विकास की सबसे बड़ी बाधा है। 4. ब्रह्मचर्याणुव्रत (स्वदारसन्तोष-व्रत)
__ जैन-साधना में जहाँ श्रमण-साधक पूर्ण ब्रह्मचर्य का व्रत लेकर स्त्री-पुरुष सम्बन्धी काम-क्रिया से पूर्णतया विरत हो जाता है, वहाँ गृहस्थ के लिए कम-से-कम इतना तो आवश्यक माना गया है कि यदि वह अपनी भोगलिप्सा का पूरी तरह त्याग न कर सके, तो उसे स्वपत्नी तक सीमित रखे एवं सम्भोग की मर्यादा बांधे। स्वपत्नीसन्तोषव्रत का प्रतिज्ञासूत्र उपासकदशांग में इस प्रकार है, 'मैं स्वपत्नीसन्तोषव्रत ग्रहण करता हूँ (-) नामक पत्नी के अतिरिक्त अवशिष्ट मैथुन का त्याग करता हूँ।'
इस व्रत की प्रतिज्ञा स्पष्ट ही है, लेकिन पूर्वोक्त अणुव्रतों की अपेक्षा इसमें विशिष्टता यह है कि जहाँ उन व्रतों की प्रतिज्ञा में करण और योग का उल्लेख किया गया है, वहाँ इस व्रत की प्रतिज्ञा में उनका उल्लेख नहीं है। टीकाकार की दृष्टि में इसका कारण यह हो सकता है कि गृहस्थ-जीवन में सन्तान आदि का विवाह कराना आवश्यक होता है। इसी प्रकार, पशु-पालनकरनेवालेगृहस्थकेलिएउनकाभीपरस्परसम्बन्धकरानाआवश्यकहोजाताहै, अतः इसमें दोकरणऔरतीनयोगनकहकर श्रावककोअपनी परिस्थिति एवंसामर्थ्यपर छोड़ दिया गयाहै, फिर भी इतनातोनिश्चितहीहैकिगृहस्थ-साधककोएककरणऔरएकयोगसे, अर्थात् अपनीकायासेस्वपत्नी केअतिरिक्तशेष मैथुनकापरित्याग करना होता है। स्वपत्नीसन्तोषव्रती को निम्न पाँचदोषोंसेबचनेका विधान है- 47
1. इत्वरपरिगृहीतागमन- इस पद के अर्थ के सम्बन्ध में आचार्यों में मतभेद है। यहाँ कुछ प्रमुख अर्थ दिए जा रहे हैं - (अ) अल्पसमय के लिए पत्नी के रूप में रखी गई रखैल स्त्री से समागम करना, (ब) वाग्दत्ता के साथ समागम करना, (स) अल्पवयस्का पत्नी
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