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तत्त्वज्ञान से मोक्ष की प्राप्ति होती जन्म मरण के दुख से विमुक्ति होती मुक्ति की अवस्था में सुख दुख की ज्ञान चेतना का भी अभाव है क्योंकि चेतना आत्मा का आकरिमक गुण है। और मोक्ष तो स्वरूप स्थिति है। वहाँ सुख-दुख ज्ञान-अज्ञान की पूर्ण निवृत्ति है।
अनुभूति एवं दर्शन / 53
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