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समर्पण
पं० सुखलालजी, पं० बेचरदासजी, पं० नाथूरामजी प्रेमो प्रो० दलसुखमालवणिया, प्रो० हीरालालजो, प्रो० नथमल टाटियाँ
एवं प्रो० मधुसूदन ढाको
के उस विद्वन्मण्डल को जिनके तटस्थ चिन्तन
अध्ययन और लेखन
के क्षेत्र में । मेरा मार्गदर्शन किया
-सागरमल जैन
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