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"आचार्य महाराज के पैरों में ध्वजा का चिन्ह था। उन्होंने धर्म की ध्वजा फहराकर इस चिन्ह की सार्थकता द्योतित की। उनके शरीर में अनेक शुभ चिन्ह सामुद्रिक rशास्त्रानुसार थे । उनके हाथ में दिव्यदर्शन की रेखा देखकर हस्तरेखा विशेषज्ञ । आश्चर्यान्वित होते थे।"
- आचार्य नेमिसागरजी
परिणी आमुख
धर्म संरक्षिय
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