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________________ कोरोची डिगरज प.पू.चा.च. आचार्य परमेष्ठी श्री शांतिसागर महाराज के चातुर्मासों की सूची क्र. वर्ष __ स्थान - १६१५ or १९१६ | २८ १९४२ २६ १९४३ ३० १६४४ ३१ १९४५ १९४६ १९४७ ३४ १९४८ १६४६ १९५० १९५१ ३८ १९५२ १९५३ ४० १९५४ ४१ १९५५ कुंथलगिरी फलटन कवलाना सोलापुर फलटण कवलाना गजपंथा बारामती लोनंद कुंथलगिरी फलटण कुंथलगिरी १९१७ कोगनोली कुंभोज कोगनोली जैनवाड़ी नसलापुर कोगनोली नसलापुर ऐनापुर m ૧૯૧૬ - * 9 कोन्नुर ******** समडोली कुंभोज नांदनी बाहुबली कटनी ललितपुर १६१६ १९२० ૧૯૨૧ ८ १९२२ ६ १९२३ १० १९२४ ११ १९२५ १२ १९२६ १३ १९२७ १४ १९२८ १५ १९२६ १६ १९३० १७ १६३१ १८ १९३२ १६ १९३३ २० १९३४ २१ १९३५ २२ १९३६ २३ १९३७ २४ १९३८ २५ १९३६ २६ १९४० २७ १९४१ मथुरा दिल्ली जयपुर ब्यावर उदयपुर गोरल प्रतापगढ़ गजपंथा बारामती पावागढ़ गोरल अकलुज १९१५ से १९१८ तक के चार चातुर्मास आचार्य श्री ने क्षुल्लक अवस्था में सम्पन्न किये |१६१६ का पाँचवा चातुर्मास ऐलक अवस्था में सम्पन्न किया तत् पश्चात् १९२३ तक के ५ चातुर्मास साधुपरमेष्ठी के रूप में व १४ चतुर्मास आचार्य परमेष्ठी के रूप में सम्पन्न किये |पश्चात् शेष १७ चातुर्मास चारित्रचक्रवर्ती के रूप में सम्पन्न हुए क्षुल्लक दीक्षा १६१५ ऐलक दीक्षा १९१९ मुनि दीक्षा १९२० आचार्य पद १९२४ चारित्र-चक्रवर्ती पद १९३७ आचार्य पद त्याग १९५५ समाधि १९५५ कुथलगिरि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003601
Book TitleCharitra Chakravarti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSumeruchand Diwakar Shastri
PublisherBharat Varshiya Digambar Jain Mahasabha
Publication Year2006
Total Pages772
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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