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________________ ४८४ 1 T जहा मंधादए नाम, थिमिअं भुंजती दगं एवं विन्नवणित्थीसु, दोसो तत्थ कओ सिआ ? ॥। ११ ॥ जहा विहंगमा पिंगा, थिमिअं भंजती दगं एवं विन्नवणित्थी, दोसो तत्थ कओ सिआ ? ॥ १२ ॥ एवमेगे उपासत्था मिच्छदिट्ठी अणारिया अज्भोववन्ना कामेहि, पूयणा इव तरुणए संस्कृत छाया सूत्रकृतांग सूत्रं एवमेके तु पार्श्वस्थाः प्रज्ञापयन्त्यनार्याः स्त्रीवशंगता बालाः जिनशासनपराङ्मुखाः ||६|| यथा गण्डं पिटकं वा परिपीड्येत मुहूर्तकम् । एवं विज्ञापनोस्त्रीषु दोषस्तत्र कुतः स्यात् ? ।। १० ।। यथा मन्धादनो नाम स्तिमितं भुक्ते दकम् एवं विज्ञापनीस्त्रीषु, दोषस्तत्र कुतः स्यात् ? ।।११।। यथा विहंगमा पिंगा स्तिमितं भुक्ते दकम् एवं विज्ञापनीस्त्रीषु दोषस्तत्र कुतः स्यात् ? एवमेके तु पार्श्वस्था:, मिथ्यादृष्ट्योऽनार्याः । अध्युपपन्नाः कामेषु, पूतना इव तरुण अन्वयार्थ 1 ।।१२।। ।।१३।। ।। १३॥ ( इत्थीव संगया) स्त्री के वश में रहने वाले ( बाला) अज्ञानी ( जिणसासणपरम्हा) जिनशासन ( जैनधर्म) से पराङमुख (अणारिया ) अनार्य ( एगेपासत्था ) कई पार्श्वस्थ या पाशस्थ ( एवं ) इस प्रकार ( पन्नवंति ) प्ररूपणा करते हैं । ( जहा ) जैसे (गंड) फुंसी ( पिलागं वा ) अथवा फोड़े को ( मुहुत्तगं ) मुहूर्त भर ( परिपीलेज्ज ) दबाकर मवाद निकाल देना चाहिए, इसी तरह (विन्नव णित्थी सु) सहवास की प्रार्थना करने वाली स्त्रियों के साथ समागम कर लेना चाहिए | ( तत्थ ) इस कार्य में (दोसो कओ सिया) दोष कहाँ से हो सकता है ? ( जहा ) जैसे ( मंधादए नाम ) भेड़ (थिमिअं) बिना हिलाये ( दगं ) पानी (भुंजती ) पीती है, ( एवं ) इसी तरह (विन्नवणित्थी सु) समागम की प्रार्थना करने वाली स्त्रियों के साथ समागम कर लिया जाय तो ( तत्थ ) इसमें ( दोसो कओ सिया) कौन-सा दोष है ? Jain Education International ( जहा ) जैसे (पिंगा ) पिंगा नामक ( विहंगमा) पक्षिणी ( थिमिअं) बिना हिलाए ( दगं ) पानी (भुंजती) पी लेती है, ( एवं ) इसी तरह (विन्नवणित्थी सु) समागम For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003599
Book TitleAgam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorSudharmaswami
AuthorHemchandraji Maharaj, Amarmuni, Nemichandramuni
PublisherAtmagyan Pith
Publication Year1979
Total Pages1042
LanguagePrakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_sutrakritang
File Size17 MB
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