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ठाणं (स्थान)
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स्थान ८: सत्र ७२-७६ ७२. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स जम्बूद्वीपे द्वीपे मन्दरस्य पर्वतस्य ७२. जम्बूद्वीप द्वीप के मन्दर पर्वत के पश्चिम
पच्चत्थिमे णं सीतोयाए महाणदीए पाश्चात्ये शीतोदायाः महानद्याः उत्तरे में शीतोदा महानदी के उत्तर में चक्रवर्ती उत्तरे णं अट्ठ चक्कवट्टिविजया अष्ट चक्रवत्तिविजया: प्रज्ञप्ताः , के आठ विजय हैंपण्णत्ता, तं जहा
तद्यथा-- वप्पे, सुवप्पे, 'महावप्पे, वप्रः, सुवप्रः, महावप्रः, वप्रकावती, १. वप्र, २. सुवप्र, ३. महावप्र, वप्पगावती, वग्ग, सुवग्गू, वल्गुः, सुवल्गुः, गन्धिलः, गन्धिलावती। ४. वप्रकावती, ५. वल्गु, ६. सुवल्गु, गंधिले, गंधिलावती।
७. गन्धिल, ८. गन्धिलावती। ७३. जंबुद्दीवे दोवे मंदरस्स पव्वयस्स जम्बूद्वीपे द्वीपे मन्दरस्य पर्वतस्य ७३. जम्बूद्वीप द्वीप के मन्दरपर्वत के पूर्व में
पुरथिमे णं सीताए महाणदीए पौरस्त्ये शीतायाः महानद्याः उत्तरे शीता महानदी के उत्तर में आठ राजउत्तरे णं अट्ठ रायहाणीओ अष्ट राजधान्यः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा- धानियां हैंपण्णत्ताओ, तं जहा.-. खेमा, खेमपुरी, 'रिट्ठा, रिट्टपुरी, क्षेमा, क्षेमपुरी, रिष्टा, रिष्टपुरी, १. क्षेमा, . २. क्षेमपुरी ६. रिष्टा, खग्गी, मंजसा, ओसधी, पुंडरीगिणी। खड्गी, मञ्जूषा, औषधिः,पौंडरीकिणी।
४. रिष्टपुरी, ५ खड्गी, ६. मंजुषा,
औषधि,” पाँडेरी किणी ७४. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स जम्बूद्वीपे द्वीपे मन्दरस्य पर्वतस्य पौरस्त्ये ७४. जम्बूद्वीप द्वीप के मन्दर पर्वत के पूर्व में
पुरथिमे णं सीताए महाणईए शीतायाः महानद्याः दक्षिणे अष्ट शीता महानदी के दक्षिण में आठ राजदाहिणे णं अट्ठ रायहाणीओ राजधान्यः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा
धानियां हैंपण्णत्ताओ, तं जहासुसीमा, कुंडला, 'अपराजिया, सुसीमा, कुण्डला, अपराजिता, प्रभाकरा, १. सुसीमा, २. कुण्डला, ३. अपराजिता, पभंकरा, अंकावई, पम्हावई, अनावती, पक्ष्मावती, शुभा, ४. प्रभाकरा, ५. अंकावती, ६. पक्ष्मावती, सुभा, रयणसंचया। रत्नसंचया।
७. शुभा, ८. रत्नसंचया। ७५. जंबूहीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स जम्बद्वीपे द्वीपे मन्दरस्य पर्वतस्य ७५. जम्बूद्वीप द्वीप के मन्दर पर्वत के पश्चिम
पच्चत्थिमे णं सीओदाए महाणदीए पाश्चात्ये शीतोदायाः महानद्याः दक्षिणे में शीतोदा महानदी के दक्षिण में आठ दाहिणे णं अट्ठ रायहाणीओ अष्ट राजधान्यः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा- राजधानियां हैंपण्णत्ताओ, तं जहाआसपुरा, 'सीहपुरा, महापुरा, अश्वपुरी, सिंहपुरी, महापुरी, १. अश्वपुरी, २. सिंहपुरी, ३. महापुरी, विजयपुरा, अवराजिता, अवरा, विजयपुरी, अपराजिता, अपरा,अशोका, ४. विजयपुरी, ५. अपराजिता, असोया, वीतसोगा। बीतशोका।
६. अपरा, ७. अशोका, ८. वीतशोका। ७६. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स जम्बूद्वीपे द्वीपे मन्दरस्य पर्वतस्य ७६. जम्बूद्वीप द्वीप के मन्दर पर्वत के पश्चिम
पच्चत्थिमे णं सीतोयाए महाणईए पाश्चात्ये शीतोदायाः महानद्या: उत्तरे में शीतोदा महानदी के उत्तर में आठ उत्तरे णं अट्ठ रायहाणीओ अष्ट राजधान्यः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा- राजधानियां हैंपण्णत्ताओं, तं जहाविजया, वेजयंती, जयंती, विजया, वैजयन्ती, जयंती, अपराजिता, १. विजया, २. वैजयन्ती, ३. जयन्ती, अपराजिया, चक्कपुरा, खग्गपुरा, चक्रपुरी, खड्गपुरी, अवध्या, ४. अपराजिता, ५. चक्रपुरी, अवज्झा, अउज्झा। अयोध्या।
६. खड्गपुरी, ७. अवध्या, ८. अयोध्या।
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