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________________ वर्ष ३, परिशिष्ट-६ : आधारभूत ग्रंथ सूची ४८८ भगवई ग्रंथ का नाम |लेखक/संपादक/अनुवादक | संस्करण प्रकाशक भाष्य में प्रयुक्त स्थल वाचनाप्रमुख/प्रवाचक आदि ८०. विनयपिटक, चुल्लवग्ग अनुवाद-राहुल सांकृत्यायन | सन् १९३५ महाबोधि सभा, सारनाथ, १५/१४२ बनारस ८१. विशेषावश्यक भाष्य कर्ता-श्री जिनभद्रगणी सन् १९८६ | दिव्य दर्शन कार्यालय, | १३/५५-६० क्षमाश्रमण कालुशा नी पोल, कालुपुर रोड, अहमदाबाद ८२. वीर डॉ. कामता प्रसाद १५/१४२ अंक १२-१३ ८३. व्यवहार भाष्य वा. प्र. आचार्य तुलसी | सन् १९९६ | जैन विश्व भारती, १४/८२-८३ सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ लाडनूं (राजस्थान) ८४. व्यवहार सूत्र (चतुर्थ आचार्य भद्रबाहु सं. १९८२ जैन श्वेताम्बर संघ, १४/८२-८३ विभाग) भावनगर ८५. व्रताव्रत की चौपाई रचयिता-आचार्य भिक्षु सन् १९६० | जैन श्वेताम्बर तेरापंथी | १५/२६ (भिक्षु ग्रंथ रत्नाकर) सं. आचार्य तुलसी |महासभा, कोलकाता ८६. शब्दकल्पद्रुम (भाग-५) | देवा राधाकान्त सन् १९८८ | दिल्ली नाग पब्लिशर | १२/१२५-१२६ ८७. शान्त्यचार्य की बृहद्वृत्ति | वादिवेताल श्री शान्ति सूरि |संस्करण संस्करण श्री देवेन्द्रलाल भाई जैन | १२/३० |१९७२-७३ पुस्तकोद्धार भाण्डागार संस्था, मुंबई ८८. श्रमण महावीर ले. आचार्य महाप्रज्ञ सन् २००१ | जैन विश्व भारती, १५/२,५३-५६,१४१ लाडनूं (राजस्थान) ८९. श्रीभिक्षु आगम विषय कोश वा. प्र. गणाधिपति तुलसी सन् १९९६ | जैन विश्व भारती, |१३/आमुख, ३ भाग-१ सं. आचार्य महाप्रज्ञ लाडनूं (राजस्थान) ९०. श्लोकवार्तिक सं. शास्त्री द्वारिकादास सन् १९७८ तारा पब्लिकेशन, बाराणसी | १४/५१ ९१. संयुत्तनिकाय भिक्षु जगदीश काश्यप सं. १९५४ महाबोधि सभा, सारनाथ,| १५/१४२ बनारस ९२. समयसार आचार्य कुन्दकुन्द सन् १९९७ अहिंसा मंदिर प्रकाशन |१६/४१-४२ दिल्ली ९३. समवाओ (मूलपाठ, संस्कृत वा. प्र. आचार्य तुलसी सन् १९८४ |जैन विश्व भारती, १२/१०२-१०७ छाया, हिन्दी अनुवाद, टिप्पण सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ लाडनूं (राजस्थान) १३/आमुख, आदि) १५/आमुख ९४. सर्वार्थसिद्धि कर्ता-आचार्य पूज्यपाद, सन् १९७१ भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली| १४/११३-११६ सं. पं. फूलचन्द सिद्धांत शास्त्री ९५. सामफलसुत्त १५/आमुख, १४२ ९६. सूयगडो (मूलपाठ, संस्कृत | वा. प्र. आचार्य तुलसी (भाग-१) जैन विश्व भारती, १२/४-५,५३-५४, छाया, हिन्दी अनुवाद, सं. विवेचक युवाचार्य महाप्रज्ञ | सन् १९८४ लाडनूं (राजस्थान) १०२-१०७; १४/ टिप्पण तथा परिशिष्ट) (भाग-२) ८४-८८; १५/ सन् १९८६ आमुख ९७. सूरपण्णत्ती (उवंगसुत्ताणि, | वा. प्र. आचार्य तुलसी सन् १९८९ | जैन विश्व भारती, १२/१२५-१२६ ___भाग-४, खण्ड-२) |सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ लाडनूं (राजस्थान) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003596
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 04 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2007
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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