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________________ विषयानुक्रम १९१ बारहवां शतक सूत्र पृष्ठ सूत्र आमुख १३३-१५३ अनेक अथा अनंत बार उपपात पद ७१-७६ पहला उद्देशक आठवां उद्देशक संग्रहणी गाथा १५४-१५८ देवों का द्विशरीर-उपपात पद ७७-७८ १-२९ शंख-पुष्कली पद ५-१६ १५९-१६२ पंचेन्द्रियतिर्यक्योनिक उपपात पद ७८-७९ दूसरा उद्देशक नौवां उद्देशक ३०-४० उदयन आदि का धर्म-श्रवण पद १७-२० १६३-१६८ पंचविध देव पद ८०-८१ ४१-६५ जयंती-प्रश्न पद २०-२७ १६९-१७७ पंचविध देवों का उपपात पद ८१-८३ तीसरा उद्देशक १७८-१८२ पंचविध देवों का स्थिति पद ८३.८४ ६६-६८ पृथ्वी पद ૨૮ १८३-१८४ पंचविध देवों का विक्रिया पद ८४-८५ चौथा उद्देशक १८५-१९० पंचविध देवों का उद्वर्तन पद ८५-८६ ६९-८० परमाणु-पुद्गल संघात-भेद पद २९-४४ पंचविध देवों का संस्थिति पद ८६-८७ ८१-१०१ पुद्गल-परिवर्त पद ४४-५३ १९२-१९६ पंचविध देवों का अन्तर पद ८७-८८ पांचवां उद्देशक १९७-१९९ पंचविध देवों का अल्प-बहुत्व पद ८८-८९ १०२-११९ वर्णादि और अवर्णादि की अपेक्षा ५४-६१ दसवां उद्देशक द्रव्य-विमर्श २००-२०४ अष्टविध आत्म पद ९०-९३ १२०-१२१ कर्म विभक्ति पद २०५ अष्टविध आत्मा का अल्पबहुत्व ९३-९४ छठा उद्देशक पद १२२-१२४ चंद्र-सूर्य-ग्रहण पद ६३-६६ २०६-२१० ज्ञान-दर्शन का आत्मा के साथ ९४-९५ १२५-१२६ शशि-आदित्य पद ६६-६७ भेदाभेद पद १२७-१२९ चंद्र-सूर्य का कामभोग पद ६७-६९ २११-२२६ स्याद्वाद-पद ९५-१०४ सातवां उद्देशक १३०-१३२ समस्त जीवों का जन्म-मृत्यु पद ७०-७१ तेरहवां शतक पृष्ठ सूत्र आमुख १०७-१०८ ४ संख्येय-विस्तृत नरकों में ११२-११३ पहला उद्देशक १०९ उद्वर्तन पद संग्रहणी गाथा ५-२३ संख्येय-विस्तृत नरकों में ११३-११८ १-३ संख्येय-विस्तृत नरकों में उपपात पद १०९-११२ सत्ता पद सूत्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003596
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 04 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2007
Total Pages514
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size14 MB
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