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भगवई
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परिशिष्ट-६ : आधारभूत ग्रंथ-सूची
मुंबई
ग्रंथ का नाम लेखक/संपादक/अनुवादक | संस्करण प्रकाशक
भाष्य में प्रयुक्त स्थल वाचनाप्रमुख/प्रवाचक आदि ५६. प्रज्ञापना वृत्ति कर्ता-श्रीमन्मलयगिर्याचार्य | सन् १९१८ | आगमोदय समिति, ११/१,५
मेहसाणा, गुजरात ५७. प्रमाण मीमांसा रचयिता-हेमचन्द्राचार्य | सन् १९८९ | सरस्वती पुस्तक ८/१८४-१८८
भंडार, अहमदाबाद ५८. प्रमेयकमलमार्तण्ड रचयिता-आचार्य सन् १९४१ | निर्णयसागर मुद्रणालय, । ८/१८४-१८८
अकलंक भट्ट ५९. प्रवचनसार रचयिता कुन्दकुन्दाचार्य सन् १९४८ |श्री जैन स्वाध्याय ८/२३०-२३५,
मंदिर ट्रस्ट, सोनगढ़, ४७७-४८४
सौराष्ट्र (गुजराज) ६०. बारहव्रत चौपाई (भिक्षु ग्रंथ | रचयिता-आचार्य भिक्षु सन् १९६० जैन श्वेताम्बर तेरापंथी | ८/२४१-२४२ रत्नकार) सं. आचार्य तुलसी
महासभा, कोलकाता ६१. बृहत्कल्प भाष्य सं. मुनि पुण्यविजय सन् १९३६ | जैन आत्मानंद सभा, |८/२४५-२४७,२९५.
भावनगर (गुजरात) | ३००,४५१-४६६ ६२. बृहद् हिंदी कोश
ले. कालिका प्रसाद | सन् १९८४ ज्ञानमंडल, वाराणसी । ११/४० ६३. बौद्ध धर्म और बिहार ले. श्री धवलदार त्रिपाठी
८/२७१-२८४ 'सहृदय ६४. भगवती आराधना रचयिता आचार्यश्री शिवार्य | सन् १९३५ | सखाराम दोशी, ८/४५१-४६६
सोलापुर महाराष्ट्र ६५. भगवती जोड़ (खंड १-७) | कर्ता-जयाचार्य
प्रथम जैन विश्व भारती, अनेक स्थल प्रवाचक आचार्य तुलसी संस्करण सन् लाडनूं (राजस्थान) प्रधान सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ| १९८१ से
सं. साध्वीप्रमुखा कनकप्रभा १९९७ ६६. भगवती वृत्ति (प्रस्तुत ग्रंथ | कर्ता-अभयदेवसूरि सन् १९१९ आगमोदय समिति, | अनेक स्थल का परिशिष्ट)
बंबई ६७. भिक्षु विचार दर्शन ले. आचार्य महाप्रज्ञ | सन् २००३ जैन विश्व भारती, ९/२५१-२५२
लाडनूं (राजस्थान) ६८. भ्रमविध्वंसनम् कर्ता-श्रीमद् जयाचार्य
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी | ८/४४९-४५०
महासभा, कोलकाता ६९. मनुस्मृति सं. नारायणराम आचार्य सन् १९४६ | काव्य तीर्थ निर्णयसागर| ८/आमुख
प्रेस, बंबई ७०. मूलाचार रचयिता-श्रीमद् वट्टेकराचार्य सन् १९८४ | भारतीय ज्ञानपीठ, ८/४५१-४६६
दिल्ली ७१. मिथ्यात्वीरी करणीरी चौपाई| रचयिता-आचार्य भिक्षु सन् १९६० जैन श्वेताम्बर तेरापंथी । ८/४४९-४५० (भिक्षुग्रंथरत्नाकर, प्रथम खंड सं. आचार्य तुलसी
महासभा, कोलकाता ७२. रायपसेणइयं (उवंगसुत्ताणि | वा. प्र. आचार्य तुलसी सन् १९८७ | जैन विश्व भारती, ९/१५६,२०४ भाग-४, खंड-१) सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ
लाडनूं (राजस्थान) ७३. ववहारो (नवसुत्ताणि वा. प्र. आचार्य तुलसी सन् १९८७ | जैन विश्व भारती, ८/२४८-२५०, भाग-५) सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ
लाडनूं (राजस्थान) १०/४६-५१
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