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________________ भगवई ४८५ आधारभूत ग्रन्थ-सूची ग्रन्थ का नाम संस्करण प्रकाशक भाष्य में प्रयुक्त स्थल लेखक/सम्पादक / अनुवादक वाचनाप्रमुख / प्रवाचक आदि सं. नेमिचंद जैन ५२.तीर्थंकर (मासिक) जनवरी १६८६ हीराभैया प्रकाशन (इंदौर) ७/१५०-१५४ ५३.तेरह द्वार रचयिता-आचार्य भिक्षु ६/२७-२६ ५४.त्रिषष्टिश्लाकापुरुषचरित्र ले. हेमचन्द्राचार्य ६/१३३, १३४ वि. सं. १६६२ श्री जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर (काठियावाड) ५५. दशवैकालिक चूर्णि कर्ता-जिनदास महत्तर सन् १६३३ ३/१६४-१७१ ५६.दशवैकालिक वृत्ति कर्ता-हरिभद्रसूरि श्री ऋषभदेव केशरीमल श्वेताम्बर संस्था, रतलाम देवचन्द्र लाल भाई जैन पुस्तकोद्धार फण्ड ३/३५, ३६ सन् १६७४ ५/१३६-१४६७/२५, ११३-११६ ५७.दसवेआलियं (मूलपाठ, संस्कृत वा. प्र. आचार्य तुलसी छाया, हिन्दी अनुवाद तथा टिप्पण) सं. विवेचक मुनि नथमल जैन विश्व भारती, लाडनूं, राजस्थान सन् १६८७ ५८.दसाओ (नवसुत्ताणि, भाग-५) वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्व भारती, लाडनूं, राजस्थान ३/२६, १०५६/१५, १६; ७/१०-१५ ५६.दीघनिकाय, महावग्गट्ठकथा सं. भिक्षु जगदीश काश्यप सन् १६५६ नवनालंरा महाविहार, (नालंदा) ७/१७३ ६०.देशीशब्द कोश सन् १६८८ जैन विश्व भारती, लाडनूं ३/४५, ४८, १०५ वा. प्र. आचार्य तुलसी प्रधान सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ ६१.द्रव्यानुयोग तर्कणा श्रीमद्भोज कवि विरचित सन् १९७७ ५/२५४-२५७ श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल श्रीमद्राजचन्द्र आश्रम, अगास ६२.धम्मपद सन् १६२४ ६/१८३-१८५ सं. धर्मानन्द कौसम्बी, सं. रामनारायण वि पाठक गुजरात पुरातत्त्व मंदिर, अहमदाबाद ६३.ध्यान विचार ७/१४६-१४६ रचयिता-हरिभद्रसूरि सन् १६७६ ३/१५४-१६३ ६४.ध्यान शतक (ध्यान शतक तथा ध्यानस्तव) वीरसेवामन्दिर, दरियागंज, दिल्ली सन् १६८७ जैन विश्व भारती, लाडनूं ६५. नंदी (नवसुत्ताणि, भाग ५) वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ ४ आमुख; ५/६४, १०८, १०९, ७/१६१ ६६.नय चक्र सन् १६७१ भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली ५/१५०-१५३ ले. माइल्ल धवल, सं. अनुवाद- पं. कैलाश चन्द्र शास्त्री ६७.नायाधम्मकहाओ (अंगसुत्ताणि, भाग ३) वा. प्रा. आचार्य तुलसी सं. मूनि नथमल सन् १६८१ जैन विश्व भारती, लाडनूं राजस्थान ३/५६-७१,८१,५/३१-४५, १३६, १४६,७/१०-१५, १७५ सन् १९८६ ७/१७३ ६८.निरयावलियाओ (उवंगसुत्ताणि, भाग-४, खण्ड-२) वा. प्र. आचार्य तुलसी सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्व भारती, लाडनूं राजस्थान Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003594
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02 Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages596
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size20 MB
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