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________________ समवायो ४३४ परिशिष्ट ३ कुरुमई भद्दा तिलय तिविठ्ठ केकई केसरि भयाली भरह तिसला दढधण अणंतसेण अतिपास अतिराणी अपराइय अपराइया अपरातिय अभिणंदण अभिचंद पउमप्पभ पउमसिरि पउमा पउमुत्तर पडिरूवा भाणु भिसय दढरह दढाऊ पडिसूइ कोरव्व खेमकर खेमंधर गंगदत्त गुत्तिसेण गूढदंत गोथुभ दत्त पभावई पभास पयावती पहराय अमम अम्मया अयल गोयम पास अयलभाय पियदंसण पियमित्त पुणब्वसु पुण्णघोस पुण्णनंद अर अरि? अरिटुनेमि अरिदृवरणेमि असंजल असोगललिय अस्सगीव अस्ससेण आणंद आससेण पुप्फकेउ पुप्फचूला चंदकता चंदजसा चंदणा चंदप्पभ चंदाणण चक्काउह चक्खुकंता चक्खुम चमर चारु चित्तउत्त चुलणी जक्खिणी जयंत जयंती दसधणु दसरह दारुमड दिण्ण दीहदंत दीहबाहु दुमसेण दुविठ्ठ देवई देवउत्त देवसम्म देवाणंद देवी धणदत्त धणिला धन्न धम्मज्झय धम्ममित्त धम्मसीह धम्मसेण धर धरणि धरणिधरा धारणी नंदमित्त पुप्फदंत पुष्फवती पुरिस-पुंडरीय पुरिससीह पुरिसुत्तम पुरिसोत्तम पुस्स पेढालपुत्त पोट्टिल्ल भीम भीमसेण मंगला मंडिय मंडियपुत्त मघव मरुदेव मरुदेवा मरुदेवी मल्लि महसिह महसेण महाघोस महाचंद महाजस महापउम महाबल महाबाहु महाभद्द महाभीम महाभीमसेण महावीर महासेण महाहरि महिंददत्त महुकेतव माहिंदर मिगाली मित्तदाम मित्तवाहण मियावई मुणिसुव्वय मेतज्ज मेरय मेरा जय बंधु बंभ इंदभूति इसिदिण्ण उदय उमा उवसंत उसभ उसभसिरि उसभसेण कक्कसेण कण्ह कण्ह (दीवायण) कण्हसिरी कत्तवीरिय कत्तिय कयवम्म कासवी जया जरासंध जस जसम जसवती जाला बंभदत्त बंभयारि नंदा बंभी जियसत्तु जियारी जुगबाहु जुत्तिसेण बम्ह बलदेव बलभद्द बलि नंदिसेण नाभि नारय नारायण निप्पुलाय निम्मभ निसुंभ पउम णंद बहुल बाहुबलि कुंथु णंदण णमि तारय कंभ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003591
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Samvao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1984
Total Pages470
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_samvayang
File Size23 MB
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