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defdesi raj ( जण्णइज्जं )
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३८. न कज्जं मज्झ भिक्खेण खिप्पं मा भमिहिसि भयावट्टे' घोरे' ३६. जवलेवो होइ भोगेसु अभोगी भोगी भमइ संसारे अभोगी ४०. उल्लो सुक्को य दो छूढा गोलया दो वि आवडिया कुड्डे जो उल्लो सोतत्थ' लग्गई ॥ जे नरा कामलालसा । विरता न लग्गंति जहा सुक्को उ गोलओ ॥
मट्टियामया ।
४१. एवं लग्गंति दुम्मेहा
निक्खमसू दिया ! | संसारसागरे ॥
अणगारस्स
१. भवावत्ते ( ( बृपा) 1 २. दीहे ( बृपा) ।
४३. खवित्ता
४२. एवं से विजयधोसे जयघोसस्स अंतिए । निक्खतो धम्मं 'सोच्चा अणुत्तरं ॥ पुव्वकम्माई संजमेण तवेण य । जयघोस विजयघोसा सिद्धि पत्ता अणुत्तर ॥ - ति बेमि ॥
नोवलिप्पई । विप्पमुच्चई ॥
३. सोत्थ (ऋ, बृ) । ४. सोच्वाण केवलं (बुपा) ।
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