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१०८.२
सुजाया-सूपुट सुजाया (सुजाता) ज ४११५७।२
सदसण (सुदर्शन) प १६४, ३।३०,४१४६, सुजोइय (सुयोजित) ज ७१७८
१४७,१५०,१५७,१५६,२०८,२६०११ सुज्ञ (दे०) ४१३,२५
७१२१३ ज २१६४; ३३०४१४७,१५०, सुठ्ठिय (सुस्थित) ज ७।१७८
१५६,२०८,२६०११७२१३ सू५१ उ ४७ सुम (शृ) सुणंतु ज ३।२४.१,२,३११३१।१,२ सुणह प २१६४।१८ सुणेइ प ११३६
सुदंसणभद्दसालवण (दर्शनभद्रशालवन) ज ५१५५ सुति प १५१३६,४०
सुदंसणा ( दर्शन:) ज ४११५७।१,२ सुजग (शुनक) प११६६ ज २१३६,१३६
सुदिट्ठ (दृष्ट) ११०११३ सुगक्खत्ता (मुनक्षत्रा) ज ७११२०११ मू १०८८११
सुदुल्लह (सुदलं न) ज ३।११७११ सुममिय (सुनत) ज ७।१७८ सुणय (शुनक) प १११२१
सुद्ध (शुद्ध) प १७.११४१,१७।११६ सू २०१७ सुणिम्मिय (सुनिमित) ज २।१५
सुद्धदंत (शुद्धदन्त) ५ ११८६ सुणिरिक्खण (सुनिरीक्षण) ज ७४१७८
सुद्धप्पावेस (शुद्ध प्रवेशद्वात्मवेश,शुद्धप्रावेश्य) सुणिया (शुनिका) प ११:२३
ज ३८५ सू२०१७ उ १११६ सुणिवेसिय (सुनिवेशित) ज २०१२
सुद्धवाय (अनात) ५११२६ सुण्हा (स्नुषा) ज २२२७,६६
सुद्धागणि (शुद्धाग्नि) प १।२६ सुत (णाण) (श्रुतज्ञान) ५ २६।१६
सुद्धोदय (शुद्धोदक) ६ ११२३ ज ३।६,२२२ सुतअण्णाण (श्रुताज्ञान) प ५७,१२,२०,५६;
सुधम्म (धर्म) ज ४।१४०३१ २६१६,१२,१७,१६,२० सुतअण्णाणि (श्रुताज्ञानिन्) प ३।१०२,१०३;
सुधम्मा (धर्या) ४.१३१ सू १८/२३
सुनिउण ( पुण) ५८०,११७:३०/२३
, सुतणाण (श्रुतज्ञान) प ५७,२०,२४,४१,४६,६७,
सुपा (
४३,५५ सू १०।१२४११ १११:२६११७,२१,३०६,११ सुतणाणि (श्रुतज्ञानिन्) ५३।१०१,१०३; ५१४३,
सुबइ यतिष्ठ. . .१५६.?? ८०,६५.११३,२८४१३६
सुपा दिसतष्ठिा) २११४,४।१४६; सुतिक्षण (सुतीक्ष्ण) ज २१६११
१४६ सुतोवउत्त (श्रुतोपयुक्त) १ २३।१६५,१६६ से २०१
सु स ) १२८ सुत्त (सूत्र) प १५१०११६,२११३५ सुत्त (सुप्त) ज ३।१७४
सुपरपात ( सालः) ज १११३,३०,३३,३६; सुत्त (श्रुत) प १:१०१६
४॥२ सुत (रुइ) (सूत्ररुचि) प ११०१११
सुपरिनिठ्यि ( निप्ठित) उ ३१२५ सुत्तग (नुत्रक) ज ३१३६,१०६
सुपरइय (प्रजित) उ ३।८०,८१ सुत्तत्तय (सूत्रत्र) प ४१५५
सपसत्य (प्रशस्त) ज ३।११७ सुत्तरुइ (मूत्ररुचि) पश१०१६
सुपिकताछोयरस (पक सोदर) प १७११३४ सुत्तत्रेयालिय (शुक्रवत्रारिक) प १६६
सपोप ( १९२११ १०१८४३ सुत्तीनई (शुक्तिाती प११९३४
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