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णिवाण-णीलय
vणिव्वाण (निर-वापय) णिवाविस्सति हिस्संग (निःसङ्ग) ज ५।५८
ज २११४१ णिवाहि ज ५१२८ णिवावेंति हिस्सग्गरुइ (निसर्गरुचि) प ११०११३ ज २।११२ णिवावेह ज २११११
णिस्सा (निश्रा) प ११२०,२३,२६,२६,४८ णिध्वुइकर (निर्वतिकर) ज २१६४,३३, ४११४६ णिस्साय (निश्राय) ज ३११०६ णिवइकरण (निर्वतिकरण) प १११२
णिस्सील (निःशील) ज ११३५ णिवृतिकर (निर्वतिकर) ज ४।१०७
णिस्सेस (निःश्रेयस् ) ज २१७१ णिसंत (निशान्त) ज ५१२६
णिहटु (निहृत्य) ज ३।६ जिसम्म (निसर्ग) १११०११२
इणिहण (नि+ हन् ) णिहणंति ज ५११३ णिसट्ठ (निःसृष्ट) जे ३१२५,३८,४६,४७,१३२
णिहणित्ता (निहत्य) ज ५॥१३ मिसढ (निषध) प १६५३० ज ४।९६
णि हयरय (निहतरजस्) ज ५१७ णिसढकूड (निषधकूट) ज ४।६६
णिहि (निधि) प १५३५५१२ ज ३१६७११३,१४, णिसष्ण (निषण्ण') ज २१८८; ३।६,८१,२२२ णिसम्म (निशम्य) ज ३१६
णिहिय (निहित) ज ३१११९,२२१ णिसह (निषध) ज ४८१,८६,८७,६७,६८,२०१ ।। णिहिरयण (निधि रत्न) ज ३११६७,१७०,७/२०१, से २०३,२०६,२०७,२०६,२३८,२६२
२०२ णिसहकूड (निषधकूट) ज ४१२३६
णिहुय (स्निहूक) प ११४८।४१ णिसहद्दह (निषधद्रह) ज ४१२०७
इणी (नी) णेइज ७/१५६,१५७,१६१,१६५, Vणिसिर (नि+सृज्) णिसिरइ ज ३।२४,२६, १६६ ; ३।१६३ गेति ज ७१५६ सू १०१६३ ३७,३६,४५,४७,१३१,१३३ णिसिरंति
णेति सू १०६३ ३११६२,४१५,७,५५,७ णिसिरति
भणी (गम्) णीति ज ३।१०६ प ११६७१,७२,८४,८५
गीइ (नीति) ज ३।१६७ णिसिरण (निसजन) १ ११७१
णोणिया (नीनिका) प ११५१ मिसिरमाण (निमृजत् ) प १११७१
णीम (नीप) प १।३६६३ जिसीइत्ता (निषद्य) ज ३४६
णीय (नीत) प १५५१०२ इणिसीय (नि+पद) णिसीएज्ज प ३६।११ णीयतर (नीचतर) ज ४।५४ णिसीयइ ज ३१८,४१,४६,५८,६६,७४,१४७,
णीयागोय (नीचगोत्र) प २३१२२,५७,५८,१३२ २१५,२२२ णिसीयंति ज ११३,३०,३३;
जीरय (नीरजस्) प २१३०,३१,६३, ३६।६३,६४ ७,४१२,५४२ णिसीयति ज ३१८८
ज १५१८,२३,३१,२०६५।५८ इणिसीयाव (नि+पादय) णिसीयाति
णीरागदोस (नीरागदोष) ज ५१५८ ज ५।१४,१७
णील (नील) प १६ से ८,२१३१,२१४०।११; णिसीयवेत्ता (निषाद्य) ज ५।१४
५।५,७,१३१६१७१९४२३११०४,२८१३२, णिसेग (निषेक) २३१६० से ६४,६६,६८,६६,
६६ ज ३१३१,४१२६४ सू २०१२,८,२०१३) ७३,७५ से ७७,८१,५३,८५ से १०,६२,६५,
णीलकणवीरय (नीलकरवीरक) प १७।१२४ से ६६,१०१ से १०४,१११ से ११४,११६
णीलकूड (नीलकूट) ज ४।२६३११ से ११८,१२७,१३०,१३१,१३३,१७६,१७७, पीलबंधुजीवय (नीलबन्धुजीवक) ५१७११२४ १८२,१८३.१८७
गीलय (नीलक) प १७.१२६ सू २०१२
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