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बुद्दीवपण्णत्तो
बहुपक्खस्स पडिवाए दिवा' बालवं, राओ कोलवं । बिइयाए दिवा थीविलोयणं, ओ गराइ । तइयाए दिवा वणिजं, राओ विट्ठी । उत्थीए दिवा बवं, राओ बालवं । पंचमीए दिवा कोलवं, राओ थीविलोयणं । छट्टीए दिवा गराइ, राओ वणिजं । सत्तमीए दिवा विट्टी, राओ बवं । अट्टमीए दिवा बालवं, राओ कोलवं । णवमीए दिवा थीविलोयणं,
ओ गराइ । दसमीए दिवा वणिजं, राओ विट्ठी । एक्कारसीए दिवा बवं राओ बालवं । बारसीए दिवा कोलवं, राओ थीविलोयणं । तेरसीए दिवा गराइ, राओ वणिजं । चउद्दसीए दिवा विट्ठी, राओ सउणी । अमावसाए' दिवा चउप्पयं, राओ जागं । सुक्क पक्खस्स पडिवाए दिवा किंथुग्धं करणं भवइ ॥
१२६. किमाइया णं भंते ! संवच्छरा, किमाइया अयणा, विमाइया उऊ, किमाइया मासा, किमाइया पक्खा, किमाइया अहोरत्ता, किमाइया मुहुत्ता, किमाइया करणा किमाइया णक्खत्ता पण्णत्ता ? गोयमा ! चंदाइया संवच्छरा, दक्खिणाइया अयणा, पाउसाइया' उऊ, सावणाइया मासा, बहुलाइया पक्खा, दिवसाइया अहोरत्ता, रोद्दाइया मुहुत्ता बालवाइया करणा, अभिजियाइया णक्खत्ता पण्णत्ता समणाउसो ! ॥
१२७. पंचसवच्छरिए णं भंते! जुगे केवइया अयणा, केवइया उऊ, एवं मासा पक्खा अहोरता, केवइया मुहुत्ता पण्णत्ता ? गोयमा ! पंचसवच्छरिए णं जुगे दस अयणा, तीस उऊ, सट्ठी मासा, एगे वीसुत्तरे पक्खसए, अट्ठारसतीसा अहोरत्तसया, चउप्पण्णं मुहुत्त
सहस्सा णव य सया पण्णत्ता !
गाहा -
जोगो देवय तारग्ग, गोत्त संठाण चंदरविजोगो ।
कुल पुष्णिम अवमंसाय, सष्णिवाए य णेया य ॥ १ ॥
१२८. कइ णं भंते ! णक्खत्ता पण्णत्ता ? गोयमा ! अट्ठावीसं णक्खत्ता पण्णत्ता, तं जहा अभिई सवर्णो वणिट्ठा समभिसया पुव्वभद्दवया उत्तरभद्दवया रेवई अस्सिणी भरणी कत्तिया रोहिणी मियसिर" अद्दा पुणव्वसू पुसते" अस्सा मघा पुव्वफग्गुणी उत्तरफग्गुणी हत्थो चित्ता साइ विसाहा अणुराहा जेट्ठा मूलं पुव्वासाढा उत्तरासादा ॥
१२६. एएसि णं भंते ! अट्ठावीसाए णक्खत्ताणं कयरे णक्खत्ता, जेणं सया चंदस्स दाहिणं जोयं जोएति ? कयरे णक्खत्ता, जेणं सया चंदस्स उत्तरेणं जोयं जोएंति ? कयरे णक्खत्ता, जेणं चंदस्स दाहिणेणवि उत्तरेणवि पमद्दपि जोगं जोएंति ? कयरे
१. पडिव ( अ, ख, ब, स ) : पाडिदए (क) त्रि ) ।
२.
दिया ( अ, ब ) 1
३. अवासाए ( अ, ब ) ।
४. पाडवा ( अ, क, ब ) ; पडिवए ( ख ) 1
५ उर्दू (अत्रि,व) |
६. पाउसतिया ( अ, ब ) ।
७. ववातिया ( अ, ब ) ; बवादिया ( क,ख, स ) ; बवादीनि (पुवृ); बालवादिकानि करणानि
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बहुप्रक्षिपद्दिवसे तस्यैव सम्भवात् ( शावृ ) । ८. अभिजिदादिया ( अ, ब ) ; अभिजादिया (क,स); अभिजादीया ( ख ) ।
६. समणे (अब)।
भगलिरं (ब) ।
१. पुस्तो ( अ, खत्रि,ब,स) ।
O
१२. जोयंति ( अ ) जोगंति ( ब ) । १३. दाहिणेर्णपि (प) ।
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