SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 19
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २३/३ २३|१३ २३२२ २३।१६१ २८ ।४४ ३३।१ ३३।१७ ३४।१ ३४६ ३४।१५ ११८ १1१८ ११२३ ११२६ ११२८ ११४८ २४ २४ २१४ २।१५ २१२० २२० २/३२ २१७० २२७८ २।१३१ २।१३३ २१३३ २/१३३ ३१३ ३।११ ३।११ ३।११ Jain Education International णियच्छति कडस्स णीयागोयस खचए अफासा इज्ज अपडिवाई सगाई परियाइयण्या जागति सपरियारा विच्छिण्णा 'णउय घणुपट्ठ 'पडोयारे पासि दुहा हट्ठस्स उन पडोयारे मेइणि वेइया इत्थ कहग हास वाकरेमाणा हाहाभूए वली विगय टोलाकिति सीह जूव पउसियाओ बब्बरी बहलि १६ निगच्छति ( कध) निग्गच्छति कतस्स (क,घ ) ; कयस्स गीता गोतस खमए अप्फासा इज्ज अपfsवादी सताई (क, घ) साति परियादिणया ( ख ) ; परियायणया या ंति सपरिचारा जंबुद्दीवपण्णत्ती विस्थिण्णा ओत धणुवट्ठे ( अ ); धणुपुट्ठ पडोगरे परिसं दुधा हिस्स उडू (त्रि); उऊ 'पडोकारे मेतिणि वेइगा यस्थ ( अ, ब ) ; एस्थ कधक हस्स वागरमाणाणं हाहाभूते पलीविगय डोला कति ( अ ) ; डोलागिति टोलागित्ति (त्रि, स ) ; टोला गति सीय उन्ह जूय वउसीयाओ पप्पी पहलि For Private & Personal Use Only (क) ( ख, ग ) (क,घ) (ख) (क,घ) (क, घ) (ख) (क,ग) ( क,ख,ग,घ) ( ख, ग ) ( अ, ख) ( अ, क, ब) (ख) (त्रि,ब) ( अ, त्रि, ब) (ख,स) ( क, ख ) (प) (ब) (त्रि,ब) ( अ, ब ) (क, ख,स) ( अ, ख, ब ) ( अ, ख, ब) ( प ) ( अ, क, ख, ब, स ) (अ) (क, ख ) (प) ( क,ख, त्रि,ब,स) ( क, ख, प, स ) (क, ख, प, स ) ( अ, ब ) ( अ, ब ) www.jainelibrary.org
SR No.003572
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Jambuddivpannatti Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages617
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jambudwipapragnapti
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy