________________
पुढविक्काइयत्त-पुष्फबद्दलय
१८७
४२,५०।१६।२:२०६१३,२२,२४ से २६,२८, १४२ च ५१ सू १।६।११०२१ ३२,३५, २११३ से ५,२३,४०,७६,८० पुण्णा (पूर्णा) सू १०१६० २२॥३१,७३,२४१६:२८१२६.३० ३३ से ३६, पुण्णाग (पुन्नाग) ११॥३५१३ ज ३।१२,८८,५८ ३८,६६२६८ से १०,२०:३०।८,६,१८,१६ पुण्णिमा (पूर्णिमा) ज ७:१२५,१२७११,१३७ से ३११३,३४।३;३५१६.२०,३६१६,२५.२६, १४५,१५४,१५५,१६७।१ सु १०१६ से १७,
१६ से २२,२६ पुढविक्काइयत्त (पृथ्वीकाविकत्व) प १५३१४१;
पुण्णिमासी (पौर्णमासी) ज ७४१३८,१४१ च ५१ ३६१२६
सू१०७,८,१८,२०,२२,१२६२,१३६ से पुढविसिलापट्टक (पृथ्वीशिलापट्टक) उ ५।८ । १५६,१३।१ से ३,६ पूढविसिलापट्टग (पृथ्वीशिलापट्टक) ज ३।२२३ पुत (पुत) उ ४६ पुढविसिलापट्टय (पृथ्वीशिलापट्टक) उ ११
पुत्त (पुत्र) ज २१२७,६४,६६,१३३ उ ११०,१३, पुढविसिलावट्टय (पृथ्वीशिलापट्टक) ज १११३ १५,२१ से २३,३१,४३,९७,७२,७४,८२,८७, पुढवी (पृथ्वी) सू २।१,६१३,१८११ उ ११२६,२७, ६५,१०६,११०,११३,११४,१४६२१६,६,१८, १४०,१४१
२२,३१४८,५०,५५,११४ पुण (पुनर्) प६१८०।१ सू ११२० उ ११७ पुत्तंजीवय (पुत्रजीवक) प ११३५१२ पुणं (पुनर्) उ ३।१०२
पुत्तत्त (पुत्रत्व) उ ५३०,४३ पुणब्भव (पुनर्भव) प २०६४
पुष्फ (पुष्प) प १३५,३६:१।४८।१७,२७,४०,४१, पुणरवि (पुनरपि) प ३६१६४ ज २१६,३१८१; ४७,६३,२।३०,३१,४०।१०,४१,१५।२ ज २१८ ७११८,१२१ सू२।१
से १०,१२,१५ से १८,६५,१४५,१४६ ; ३।७, पुणव्वसु (पुनर्वसु) ज ७/१२८,१२६१३४ से
११,१२,२१,३४,७८,८५,८८,१०६,१८०, १३६,१४०,१४६,१६१ सू१०२ से ६.१३, २०६४।१६६,५७,२२,२६,४८,४६,५५% २४,४०,६२,६८,७५,८३,१०५,१२०,१३१ ७।३१,३३,३५,५५,११२१३,४ सू ४।३,४,६, से १३३,१५५,१६१,१११२ से ४
७,६१०२०,१२६६३,४;१६।२२।२,१५; पुणो (पुनर्) ज ३।१०६ सू १६।२२ उ ३१६८
१६।२३,२०1८।६ उ ११३५,३१५०,५१,५३,
११०,११४:५६ पुण्ण (पूर्ण) प १४०१६ ज २१६०,१०३,१०६,
पुष्फ (पुष्प) पुप्फति ज ३११०४,१०५ १०८,१७८,३१६,२२२, ४।३,२५,१७२११ १४६७४१७८
पुष्फकेतु (पुष्पकेतु) सू २०१८ पुण्ण (पुण) प ११०१२ ज ३१११७१५५,४६ पुष्फचंगरी (पुष्प 'चंगेरी') ३३१२५ ज ३।११; पुण्णकलस (पुर्णकलश) प २।३० ज २४३
५७,५५ पुण्णचंद (पूर्णचन्द्र ) ज ३।३,११७
पुष्फचूला (पुष्पचूला) उ ४।२०,२२,२८ पुण्ण (भद्द) (पूर्णभद्र) उ ३१२११
पुप्फलिया (पुप्पलिका) उ ११५४।१ से ३, पुण्णभद्द (पूर्णभद्र) ए २१४५.४५।१ ज ४११६२११, २७,५१
१६५ उ १६.१६,१४४; २।१४,१६:३।१५६, पुष्फछज्जिया (पुष्पछादिका) ज ५१७
१५८,१६० से १६५.१६९.१७१,५१८ पुप्फपटलहत्थगय (हस्तगतपुष्पपटल) ज ३।११ पुषणभद्दकूड (पूर्णभद्रकूट) ज ११३४,४६:४।१६५ पुष्फपडलग (पुष्पपटलक) ज ५७ पुण्णमासी (पौर्णमासी पूर्णमासी) ज ७११२।२, पुष्फबद्दलय (पुष्पवादलक) ज २७
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org