________________
उद्धर-उम्मुग्गजला
४१४६, १५,७,४३,४४,४७,६७ सू २०१७ उप्पलिणीकंद (उत्पलिनीकन्द) प ११४८९४२ उद्धर (उद्धर) ज ५१५; ७१७८
उप्पलगुम्मा (उत्पलगुल्मा) ज ४।११।१,२२२ उद्धृब्वमाण (उद्धूयमान) ज ३१८,३१,६३,१८० उप्पलुज्जला (उत्पलोज्वला) ज ४।११५३१,२२२ उ ५११६
उप्पाइय (औत्पातिक) ज ३३१०४,१०५,१०६ उपगच्छ (उपगम्) उपगच्छंति ज ३।१६७।१४ उपाएत्ता (उत्पाद्य) १२८२०,३२,६६ उपचयंकर (उपचयङ्कर) ज ३११६७
उप्पाड (उत्+पादय) उप्पाडेज्जा प २०११७, उपरिल्ल (उपरितन) सू १८७
१८,३२ से ३४,४७ उपसंत (उपशान्त) ५ २०३६
उपाय (उत्पाद) प १५० उप्पइत्ता (उत्पत्य) प २।४८ से ६३ ज ११२५
उप्याय (उत्। पादय) उप्पाएंति ज २१३६,४१ सू २२१,१८०१
उपि (उपरि) प २१५२ से ६२ ज १११०,१२, उप्पज्ज (उत्+पद्) उप्पज्जइ सू ६.१
१४,१६ सू १२।३०१८।२,३ उ १।४६;रा उप्पज्जति ज २६७
५।१३,२०,२७,३१ उप्पज्जंत (उत्प द्यमान) ज ३।१६७।५ उप्पीलिय (उत्पीडित) ज ३१७७,१०७,१२४ उप्पज्जय (उत्पद्यक) ज ३।३
उ ११३८ उप्पड (उत्पट) प ११५०
उप्फिडिय (उतफिट्य) प १६:४४ उप्पण्णमिस्सिया (उत्पन्न मिश्रिता) प १११३६
उप्फेस (दे०) प २।३० उप्पण्णबिगमिस्सिया (उत्पन्न विगतमिश्रिता) उब्बहिया (उद्वाह्य) प १६।५४ प११।३६
उन्भड (उद्भट) ज २११३३ उत्पत्ति (उत्पत्ति) प ११६३१६:१४।५,३६१६४ उब्मिज्जमाण (उद्भिद्यमान) ज ४११०७ ज ३.१६७/३,६,८,९,१०
उभओ (उभयतस्) ज ११२३,२५,२८,३२; उत्पत्तिया (औत्पत्तिकी) उ ११४१,४३
३.१७६४।१,१३,३६,४३,६२,७२,७८,८६, उत्पन्न (उत्पन्न) ज ३.२६,३६,४७,५६,१३३, ६५,६८,१०३,११०,१८३,२००,२०१,२०६; १३८,१४५,१७५,५५३,२२
५।४६,६०,६६७१३१,३३ सू ४१३,४,६,२०१७ उप्पन्नकोउहल्ल (उत्पन्नकुतूहल) ज ११६
उभय (उभय) ज ३।३ उत्पन्नसंसय (उत्पन्नसंशय) ज १२६
उभयभाग (उभयभाग) सू १०॥४,५ उत्पन्नसड्ढ (उत्पन्नश्रद्धा) ज ११६
उम्मज्जग (उन्मज्जक) उ ३१५० उपयनिवय (उत्पातनिपात) ज ५५७
उम्मत्तजला (उन्मत्तजला) ज ४।२०२ उपय (उत् + पत) उप्पयंति ज ५१५७,६४ उम्माण (उन्मान) ज ३१६५,१३८,१५६,१६७१३ उप्पल (उत्पल) प ११४६,११४८।४४,११६२, उम्मिमालिणी (ऊमिमालिनी) ज ४।२१२
१५१५५१२ ज ११५१, २२४,१६,३।३,८६, उम्मिलिय (उन्मीलित) प २१४८ ज ३१८८%, १८८,२०६४।३,२२,२५,३०,३४,६०,११३, ४।४६ २६६,२७२,५१५५,५६,७।१७८
उम्मुक्क (उन्मुक्त) पश६४।२१ ज ३१२०,३३, उप्पलंग (उत्पलाङ्ग) ज १४
५४,६३,७१,८४,१३७,१४३,१६७,१८२ उप्पलहत्यगय (हस्तगतोत्पल) ज ३१०
उम्मुग्गजला (उन्मुक्तजला) ज ३६७ से १०१, उप्पला (उत्पला) ज ४११५५६१,२२२
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org