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________________ डंड-णग्योहपरिमंडल जी० ३।२८५, ३०५ डंड [दण्ड] रा० ७५१ गंविजणण [नन्दिजनन ] रा० ७५० उज्झत दह्यमान] जी० ३।४४७ णंदियावत्त निन्द्यावर्त ओ० ५१,६४. रा० २१, उमर [डमर] ओ० १४. रा० ६७१. ४६. जी० ३।२८६,५६४ ___जी० ३१६२७ णंविरुक्ख [नन्दिरूक्ष] ओ०६,१०. जी० ३१५८३ गंदिवद्धणा नन्दिवर्धना। जी० ३१९१४ रमरकर [डमरकर ओ०६४ डिडिम [डिण्डिम ] रा० ७७. जी. ३।५८८ णं दिसेणा [न्दिषेणा] जी० ३।६१० डिब डिम्ब] ओ० १४. रा० ६७१. जी०३१६२७ मंदिस्सर | नन्दिस्वर रा० १३५. जी० ३१३०५ णंदिस्सर | नन्दीश्वर] जी०३१६४८, १४६ शंदिस्सरवर [नन्दीश्वरवर] जी० ३।८८० से ढंक [दे० ढङ्क] जी० ११११५ ८८२,६१८,६२५ दिकुण [दे० ] जी० ३६२४ गंदिस्सरोद [नन्दीश्वरोद] जी० ३।६२५,६२७ दी | नन्दी जी० ३१७७५ ण नि ओ०४७. रा०६. जी. श८२ गंदीमुह [नन्दीमुख ] ओ०६ णउत [नयुत] जी० ३१८४१ णंदुत्तरा नन्दोतरा] जी० ३.६१४,६१६ पउत [नवति] जो० ३३१००३ पक्ष नख । ओ० १६. जी० ४ १५,५९६ णउति नवति] जी० ३.१००४ णखत्त निक्षत्र | ओ० ५०,१४५,१६२. णउय [नवति] जी० ३३२५७ रा०८०५. जी. १७७५,८०६,८२०,८३०, पउल [नकुल] जी० १२११२ ८३४, ८३७,८४१,८४२,८४५,६३७,१०००, णउली । नकुली] जी० २।६ १००७,१०२०,१०२१,१०३७,१०३८ गं [दे० ] ओ० १. रा० २. जी० ११० णखत्तविमाण [ नक्षत्रविमान] जी० २।४३, गंगूलिय [लाङ्गुलिक जी० ३।२१६ ३११०१३,१०१८,१०३३ गंगूलियदीव लाङ्गलिकद्वीप] जी० ३।२२४ ।। णख नख] जी० ३१५६७ गंगोलिय [लाङ्गलिक] जी० ३।२२० णगर नगर| ओ० ४६. जी० ३१६०६ गंगोलियवीव [लागूलिकद्वीप] जी० ३।२२० । णगरगुत्तिय | नगर गुप्तिक] रा० ७५४,७५६, गंदणवण [नन्दनवन] रा० २७६. जी० ३।४४५ गंदा नन्दक'] ओ०६८ गरमाण नगरमान रा० ८०६ नंदानन्दा] रा० २३४,२८८,३१३,३७६,४३५, जगररोग [नगररोग जी० ३१६२८ ४६६,५५६,६१६. जी० ३१३६५. ३६६,४१२, शगरी नगरी ओ० २०,५३. रा० ६७१,६८६, ४२५,४३८,४५४,४७७,४७८,५१५,५२३, ६६२,७००,७०२,७०६,७०८,७१३,७१६, ५२६,५३७,५४४,५५१,५५६,६८३,६८५, ७५० ६८६,६८८,६०१,६१०,६१४ से ६१६,११६ मंदिघोस | नन्दिघोष । ओ० ६४. रा० १३५. जग्गभाव | नग्न भाव रा० ८१६ णग्गोह [न्यग्रोध] जी० १७२ गोहपरिमंडल न्यग्रोधपरिमण्डल णमिदम्, इह च दीर्घत्वं प्राकृतत्वात् (व)। जी० ११११६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003570
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages639
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jivajivabhigam
File Size13 MB
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