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संस्था को अनेक धन्यवाद ।
यह ग्रन्थ आचार्य तुलसी अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में प्रकाशित हो रहा है ।
आगम-संपादन के विविध आयामों के वाचना- प्रमुख हैं आचार्यश्री तुलसी और प्रधान संपादक तथा विवेक हैं युवाचार्यश्री महाप्रज्ञजी । इस कार्य में अनेक साधु-साध्वी सहयोगी रहे हैं।
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इस तरह अथक परिश्रम के द्वारा प्रस्तुत इस ग्रन्थ के प्रकाशन का सुयोग पाकर जैन विश्व भारती अत्यंत कृतज्ञ है ।
जैन विश्व भारती
१६-११-८७ लाडनूं ( राज० )
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श्रीचंद रामपुरिया कुलपति
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