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६३४
डंड [ दण्ड ] T० ७५ १
संत [ दह्यमान ] जी० ३।४४७ डमर [ डमर ] ओ० १४. रा० ६७१. जी० ३१६२७
डमरकर [ डमरकर ] ओ० ६४
[ डिण्डिम ] रा० ७७. जी० ३८८ fsa [ डिम्ब ] ओ० १४. ० ६७१. जी०३१६२७
(ठ)
टंक [ दे० ढङ्क ] जी० १ ११५ टिकुण [ दे० ] जी० ३६२४
(ण)
[न] ओ० ४७. रा० ६. जी० ११८२ उत [ नयुत ] जी० ३१८४१ [नवति ] जो० ३।१००३ णउति | नवति ] जी० ३ १००४ 3 [ नवति ] जी० ३।२५७ उल [ नकुल ] जी० ११११२ उली | नकुली ] जी० २६ णं [ दे० ] ओ० १. रा० २. जी० १1१० गूलिय [ लाङ्गूलिक | जी० ३।२१६ गुलियो [लाङ्गूलिकद्वीप ] जी० ३।२२४ गंगोलिय [ लाङ्गूलिक ] जी० ३।२२० गंगोलियदीव [ लाङ्गूलिकद्वीप ] जी० ३।२२०
वणवण [ नन्दनवन ] रा० २७६. जी० ३२४४५ गंदा [ नन्दक' ] ओ० ६८
गंदा | नन्दा ] रा० २३४, २८८, ३१३, ३७६, ४३५, ४६६,५५६,६१६. जी० ३१३६५. ३६६,४१२, ४२५,४३८,४५४,४७७, ४७८, ५१५, ५२३, _५२६,५३७,५४४,५५१,५५६,६८३,६८५,
६८६,६८८,१०१,६१०,६१४ से ६१६,६१६ दिघोस | नन्दिघोष | ओ० ६४. रा० १३५. १. नन्दति--समृद्धी भवतीति नन्दास्यामन्त्रमिदम्, इह च दीर्घत्वं प्राकृतत्वात् (वृ) |
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जी० ३।२८५, ३०५
दिजगण [ नन्दिजनन ] रा० ७५०
दयावत [ नन्द्यावर्त ] ओ० ५१,६४. रा० २१, ४६. जी० ३१२८६, ५६४
इंड- गोहपरिमंडल
विरुक् [ नन्दिक्ष] ओ० ६,१०. जी० ३१५८३ दवा [ नन्दिवना ] जी० ३।६१४ णं दिसेणा [नन्दिषेणा ] जी० ३।६१० दिस्सर [ नन्दिस्वर] रा० १३५. जी० ३१३०५ विस्तर [ नन्दीश्वर ] जी० ३१६४८, ६४६ दिस्सरवर | नन्दीश्वरवर ] जी० ३१८८० से ८८२,६१८,६२५
मंदिरसरोद [ नन्दीश्वरोद ] जी० ३३६२५६२७ दी | नन्दो ] जी० ३१७७५ it [ नन्दीमुख] ओ० ६
दुत्तरा | नन्दोतरा | जी० ३ ६१४,६१६ क्ख [ नख] ओ० १६. जी० ४१५,५६६ क्खत [ नक्षत्र | ओ० ५०, १४५, १६२.
र० ८०% जी० ३७७५८०६, ८२०८३०, ८३४, ८३७,८४१,८४२, ८४५, ६३७, १०००, १००७,१०२०,१०२१,१०३७, १०३८ trafaमाण [ नक्षत्रविमान ] जी० २१४३, ३/१०१३,१०१८,१०३३
ख | नख ] जी० ३३५६७
नगर | नगर | ओ० ४६. जी० ३।६०६ जगरगुत्तिय नगरगुप्तिक ] श० ७५४,७५६,
७६२,७६४
नगरमाण [ नगरमान ] २० ८०६ नगररोग [ नगररोग ] जी० ३।६२८ गरी [ नगरी ] ० २०,५३. रा० ६७१,६८६, ६६२,७००,७०२,७०६,७०८,७१३, ७१६,
७५०
जग्गभाव | नग्नभाव ] रा० ८१६ णग्गोह [ न्यग्रोध ] जी० १७२ जग्गोहपरिमंडल [ न्यग्रोधपरिमण्डल | जी० ११११६
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