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(ता)
३१७६८ इगयालीसं
एयालीसं (क,ख,ट); एगयालीसं (ग)
इतालीसं ३१८२६ तेणठ्ठणं
एएणठेणं
(ग,त्रि) ३।८३८.१३ मणुस्साणं
मणूसाणं
(ता) ३२८४० कयाइ
कदायी ३०८४१ बलाहका
बलाहता
(ता) बादरे विज्जुकारे वातरे विज्जुतारे
(ता) बादरे थणियसहे वातरे थणितसद्दे
(ता) ३३९४१ नदीओई वा णिहोति वा गंदीति वा णिधयोति वा
(ता) ३८६० सूपक्कखोयरसेइ
सुपिक्कखोतरसेति ३१८७७ खोदवरणं खोयवरणं
(क,ख,ग,ट,त्रि) २९४६ खोदसरिसं
खोतोदसरिसं ३१९६८ हेदिपि
हट्ठिपि (ग,ट,ता); हिंडपि ३११००७ सव्व हेटिल्लं
सव्वहेट्ठिमयं
(ता) ३।१००७ सव्वोवरिल्लं
सम्वुप्परिल्लं ३११००७ सम्वभितरिल्लं.
सन्वन्भंतरं ५१३७ णिओदा णिोता
(ता) "णिओदजीवा णिगोदजीवा
(क,ख,ग,ट,त्रि) °णिओदजीवा 'णिओयजीवावि
(क,ख,ग,ट,त्रि) ६।११ अणाइए
अणादीए
(ता) ६।२८ सकासाई
सकसादी ६।१३१ ओहिदसणी अवधिदसणी
(ग,त्रि) ओधिदंसणि
(ता) प्रति परिचय (क) (मलपाठ) पत्र ६४ संवत् १५७५ (हस्तलिखित)
यह प्रति श्रीचन्द गणेशदास गधैया पुस्तकालय सरदारशहर की है। इसके पत्र ६४ व पृष्ठ १८८ हैं। प्रत्येक पत्र में १५ पंक्तियां हैं और प्रत्येक पंक्ति में ५३-५६ तक अक्षर हैं। इसकी लम्बाई १३॥ इंच व चौडाई ५ इंच है। यह अति सुन्दर लिखी हुई है। अन्तिम पुष्पिका निम्न प्रकार है--
संवत १५७५ वर्षे आश्विनमासे कृष्णपक्षे त्रयोदश्यां तिथौ भगुवासरे पत्तननगरमध्ये मोढजातीय जोशी वीलसुत लटकणलिखितम् ।छ।
यादर्श पुस्तके दृष्टं तादृशं लिखितं मया यदि शुद्धमशुद्ध वा मम दोषो न दीयते ॥शा शुभं भवतु, लेखक-पाठकयोः कल्याणमस्तु छ । छ । श्री। श्री। छ । ग्रं० ५२०० (ख) (मलपाठ) पत्र ८०
पूर्वलिखित सरदारशहर की है। इसके पत्र ८० व पृष्ठ १६० हैं । प्रत्येक पत्र में १५ पंक्तियां हैं और प्रत्येक पंक्ति में ६१ करीव अक्षर है। इसकी लम्बाई १२ इंच व चौड़ाई ४ इंच है।
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