SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 275
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६४० णिहय-णोभव सिद्धिय णिय [ निभृत] ओ०४६ पणीण [णी | - गोणे इ. ओ० ५६ णोणेत्ता नीत्या | ओ० ५६ गोरय नीरजस्] ओ० १६४. रा० २१,२३,३२, ३४,३६,१२४,१४५,१५७. जी ०३।२६१,२६६, २६६ गोल | नील ओ० ४७. रा० २४,२६,१३२,१५३, ६६४. जी० ३।३२६,५६२,५६५,५६६ णीलकणवीर | नीलकणवीर | रा० २६. जी० ३२७६ गोलग | नीलक] जी० ३।२७६ गोलपाणि नीलपाणि | रा०६६४. जी० ३५६२ णीलबंधुजीव नीलबन्धुजीव रा०२६. जी. ३२७६ णीललेस्स नीललेश्य जी० ६।१८७ मोललेस्सानीलले श्या | जी० ३१६६ णीलवंत नीलवत् ] रा० २७६. जी० ३ ५७७, उर [नूपुर] जी० ३१५६३ गंग [नक] रा० ७२७ णमि [नेमि ओ०६४. रा० १७३,६५१. जी. ३२८५ तम्व | नेतव्य ] जी० १२१८,६६६,८८६,१०४८ जयब्ध [नेतव्य ] जी० ११४०, ३१२६८,६६७,७६१ याउय [नर्यात्रिक ] ओ०७२ णेरइय [नैरयिक ] ओ० ४४,७१,७३,८७. जी. १११०,१२८,२०११८,१२६,१३४,१३५,१३८, १४४,१४५,१४८; ३।८६ से १२,६४,६७, १०४,११६,११८ से १२१,११३१ से ११३३, ११३६,११३८, ६४२,५,१०, ७७,८,१३,१४, २० से २३, ६।१५६,१५८,२०६,२१०, २१६,२२१,२२४,२२६,२२६,२३१ से २३४, २३६,२४१,२४२,२४७,२५० से २५२, २५४,२५५,२६७ से २६६,२७४,२७७,२७८, २८३,२८६ से २८८,२६३ मेरइयत्त [नैरयिकत्व] ओ० ७३. रा० ७५०, ७५१. जी० ३.११७,११३३ वच्छ [नेपथ्य] ओ०४६ वस्थ | नेपथ्य] ओ०७०. रा० ५३,५४,८०४ वत्यि [नेपथ्य ] मो० ५७ णेतिकर नितिकर] जी० ३१२६५ णेह (स्नेह } जी० ३१५८६ णो | नो| ओ० ३३. रा०२५. जी. श२५ गोअपज्जत्तग | नोअपयोप्तक) जी० ६६३ णोअपज्जत्तय [नोअपर्याप्तक | जी० ६६१ णोअपरित्त [नोअपरीत जी० ६८२ णोअभवसिद्धिय [ अभवसिद्धिक ] जी०६।११० से ११२ मोअसंजत | नोअसंयत जी० ६.१४५ णोअसंजय [नोअसंयत] जी० ६।१४१,१४७ णोअसणि नोअसं जन्] जी० ६।१०७ गोपज्जत्तम नोपर्याप्त का जी० ६६३ णोपरित्त नोरीत] जी० ६८२,८६,८७ मोभवसिद्धिय नोभवसिद्धिक] जी० ६।११० से गोलबंतहह | नीलवद्रह ] जी० ३३६५६,६६६ णीलासोग [नीलाशोक ] रा० २६ णीलासोय | नीलाशांक] जी० ३१२७६ गोली [ नीली ) रा० २६. जो० ३।२७६ गोलीगुलिया [ नीलीगुलिका | रा० २६. जी० ३१२७६ णोलीभेद नीलीभेद] रा० २६. जी० ३।२७६ णीलुप्पल [नीलोत्पल] ओ० १३. २० २६. जी० ३.२७६ णीव [नीप] ओ० ६,१०. जी० ३ ५८३ णीसास । नि:श्वास ] ओ० ११७. जी० ३.४५१ गोहारि निरिन् ] ओ० ७१. रा०६१ णीहारिम निटरिन् ] ओ० ७,८,१०. जी० ३२७६ णीहु [स्तिहु] जो० ११७३ णूम [नूनम् ! भो० १६६. रा० ७०३. जी. ३१९८३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003568
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_aupapatik
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy