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________________ गुणणिप्फण्ण-गोक्खीर जी० ११५०, ३१२८५,५६६,५६७ गुणणिकपण गुणनिष्पन्न ] ओ०१४४ गुणतर [गुणतर] रा० ७१८ गुणभाव [गुणभाव] ओ० १६५११२ गुणयालीस {एकोनचत्वारिंशत् ] रा० १२६ गुणव्वय [गुणवत] ओ० ७७. रा० ७८७ गुणसेढिया [गुणश्रेणिका ओ०१८२ गुणिय [गुणित ] जी० ३८३८२६ गुत्त [गुप्त) ओ० २७,१५२,१६४. रा० १२३, ६६४,७७५,७७२,८१३. जी० ३१५६२ गुत्तदुवार गुप्तद्वार रा० १२३,७५५,७७२ गुत्तपालित [गुप्तपालिक] जी० ३३५६२ गुत्तपालिय [गुप्तपालिक] रा० ६६४ गुत्तबंभयारि [गुप्तब्रह्मचारिन् ] ओ० २७,१५२, १६४. रा०८१३ गुति [गुप्ति] रा० ६८६,८१४ गुत्तिदिय [ गुप्तेन्द्रिय] ओ० २७,३७,१५२,१६४. रा० ११३ गुप्पमाण [गुप्यत् ] ओ० ४६ गुप्फ [गुल्फ] ओ० १६. जी० ३।५६६ गुमगुमंत [गुमगुमायमान ] ओ० ६. जी० ३।२७५ गुम्म [गुल्म] ओ० ६ से ८,१०. जी० १६६; ३२२७५,५८०,६३१ गुरु गुरु] रा० ६७१ गुल [गुड] ओ० ६२. जी० ३।६०१, ८६६ गुलइय ] दे॰] ओ० ५,८,१०. रा० १४५. __ जी० ३१२६८,२७४ गुलगुलंत [गुलगुलायमान ] ओ० ५७ गुलिका [गुलिका] ओ० ४७. रा० २५,२६,२८. ___जी० ३।२७८,२७६,२८१ गुहा [गुहा ] रा० १७३. जी० ३२८५ गूढ गूढ ] ओ० १६. जी. ३१५९६ गूढदंत [गूढदन्त ] जी० ३१२१६ गेज्म [ग्राह्य ] रा० १३३. जी० ३१३०३ गेष्ट [ग्रह-गेण्ह इ. रा. ७०८. जी० ३४५६.—गेण्हति. रा० ७५. जी० ३१४४५ गेण्हित्तए [ग्रहीतुम्] जी० ३।६८६ गेण्हित्ता [गृहीत्वा] रा० ७५. जी० ३४४५ गेद्धपट्टग [गृध्रपृष्ठक] ओ०६० गेय [गेय] रा० ७६,११५,१७३,२८१. जी० ३।२८५,४४७ गेविज [वेय] रा०६६४,६८३ गेविजविमाण [ग्रेवे यविमान ] ओ० १९२ गेवेज्ज अवेय] ओ०५७,१६०. रा० ६६,७०. जी० २६२,३१५६२,५६३,१०३८,११०३, ११०५,११०७,१११६,१११७,११२०,११२३, ११२४,११२६ गेवेज्जक [प्रैवेयक ] जी० २०१४८,१४६ गेवेग्जक [वेयक] ओ०६३ गेवेज्जविमाण [गवेयविमान] ओ० १६०. जी० ३११०६३,१०६६,१०६६,१०७१,१०७३, १०७६ गेवेज्जा [वेयक] जी० ३३१०८४,१०८६, १०६२,१०६५.११०३,११०५,११०७, १११६,१११७, ११२०,११२३,११२४, ११२६ गेह [गेह] जी० ३१६०५,६३१,८४१ गेहागार [गेहाकार जी० ३।५६४ गेहाययण गेहायतन) जी० ३१६०५ गेहाव [य? ] ण [गेहायतन] जी० ३१८४१ गो गो ओ० १,१४,१४१. रा० ६७१,७७४, ७६६. जी० ३८४ गोकण्ण | गोकर्ण] जी० ३।२१६,२२४ गोकपणदीव [गोकर्णद्वीप] जी० ३।२२४ गोकलिजग [गोकिलिजक] रा० १५१. जी० ३३२४ गोकिलिज [गोकिलिञ्ज रा० ७७२ गोक्खीर गोक्षीर] ओ०१६,१६४ जी० ३।६०१, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003568
Book TitleAgam 12 Upang 01 Aupapatik Sutra Ovaiyam Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1989
Total Pages412
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_aupapatik
File Size8 MB
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