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________________ कणंग जाव दलय कणग जाव पडिमाए कणग जाव सावएज्ज कणग जाव सिलप्पवाले कयकोउय जाव सव्वालंकारविभूसिया कयत्थे जाव जम्म० कयवलिकम्म जाव सव्वालंकारविभूसियं कयबलिकम्मा जाव पायच्छित्ता कयबलिकम्मा जाव विपुलाइं जाव विहरइ । कयवलिकम्मे जाव रायगिह कयवलिकम्मे जाव सरीरे कयबलिकम्मे जाव सब्वालंकार १११११ १८.४१ १११११ १११।११ शरा२६ १३१३१२५ १६१८१ १२११३३ १२०६६ १।१२८१ १३११२७ ११११८१ करयल० १५११६ करयल० करयल० करयल अंजलि करयल जाव एवं १६१६६१६८ १८.१०० १६१८१३८ १११८१३३ १।१०८१ १११३१२५ १२१६७३ १।१।२७ १।१।३२ १।२।५८ ११११६६ शश४७ १२५२६८,१२३;१।८1७३,८१,६८, १५८,१६०,११९३१११४।३१,५० १८।२०३,२०४।१।१६:१३७,१६१, २१६,२६४।१।१७।११ १११६१२४६ श१६५८,६० १।१।३०:१।१६।१७०,२६२; १।१६।१३,४६,२।११२० १९:१७१११४।२७,२८,१११६:४३ ११११११८,१११६।१३३:२।११११ १११६।१४२ १११६.१३८ १८।१६६ १।।१६५ १।१५।१८ १।१६।२३६ १।१७।२६ १२८१३१,१११६।२४४ १८.१०७ १।१६१३४ १११४११३ १२१२१ श१२६ १११।३६ १११११६ करयल जाव एवं करयल जाव कटु करयल जाव कटू तहेव जाव समोसरह करयल जाव कण्हं करयल जाव पच्चप्पिणंति करयल जाव पडिसुणेइ करयल जाव वद्धावेइ करयल जाव वद्धावेंति करयल जाव वद्धावेंति करयल जाव वद्धावेत्ता करयल जाव वद्धावेहि करयल तं चेव जाव समासोरह करयल तहत्ति जेणेव करयलपरिग्गहियं जाव अंजलि १।१।२६ ११११२१ ११।२६ १।१६.१३२ १।१६।१३७ १९१६५ १।१२६ २११४८ श०४८ ११११३६ ११११४८ ११।४८ १६१६६१३२ ११५:१३ १११४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003565
Book TitleAgam 09 Ang 09 Anuttaropapatik Sutra Anuttaraovavai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages118
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_anuttaropapatikdasha
File Size2 MB
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