SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 212
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ११११३० १।१।१६ १६५।११० १२१२२०६ श२०४० १०२११२ १११११२ वृत्ति पीइदाणं जाव पडिविसज्जेइ पीइमणा जाव हियया २०१०११ पीढ़ ११।११७ पुच्छणाए जाव एमहालियं १११।१५४,१५५ पुढवि जाव पाओवगमणं ११५१८३ पुत्तधायगस्स जाव पच्चामित्तस्स १।२१५६,६४ पुप्फ जाव मल्लालंकार श२।१४ पुफिया जाव उवसोभेमाहा श१३११६ पुरापोराणं जाव पच्चणुब्भवमाणी १२१६१६२ पुरापोराण जाव विहरइ १।१६१११३ पुश्वभवपुच्छा एवं २।११५० पोखरिणीओ जाव सरसरपंतियाओ १११३११५ पोसहसाल जाव पुव्वसंगइयं १।१६।२०१-२०३ पोसहसालाए जाव विहरइ १११३।१४ फलिया जाव उवसोभेमाणा १।११।४ फासुएस णिज्जेणं जाव तेगिच्छं १२५२११४ फासुयं पीढ़ जाव विहरह ११।११३ बंधित्ता जाव रज्जू १११४१७७ बहिया जाव खणावेत्तए १११३११५ बहिया जाव विहरंति ११५।११८ वहिया जाव विहरित्तए १५।११७ बहुनायाओ एवं जहा पोट्टिला जाव उव्वलद्धे १।१६।६७ बहूई जाव पडिगयाई १११६।१८२ वहूणि गामाणि जाव गिहाई १।१६।१६६ बहहिं जाव चउत्थ विहरइ २५/३८ बहूसु जाव विहरेज्जाह शहा२० बारवई एवं जहा पंडू तहा घोसणं घोसावेइ जाव पच्चप्पिणति पंडुस्स जहा १।१६।२२३,२२४ बावत्तरि कलाओ जाव अलंभोगसमत्थे १।१६।३०८,३०६ बासष्ट्रिं जाव उत्तरइ १६१६१२८७ बासदि जाव उत्तिण्णा १।१६।२७ बिइयज्झयणस्स निक्लेवओ २॥१॥५५ बुज्झिहिइ जाव अतं २१३१४४ १२१६।१२ २।१।१५ रायसू० १७४ १।१६:२३७-२३६ १।११५३ १।११।२ १११११० १।५।११० १११४।७३ १११३३१५ १११११६६ १११३१६६ १।१४।४३ शमा१६१ ११८१५८ १२११६५ ११९२० श१६।२१३,२१४ ११११८४,८५ १४१६।२८५ १११६।२८५ २।१।४५ १।११२१२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003563
Book TitleAgam 07 Ang 07 Upashak Dashang Sutra Uvasagdasao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages242
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_upasakdasha
File Size4 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy