SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 874
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वीसइमं सतं (पंचमो उद्देसो) सिय हालिद्दए य सुक्किलए य ४, एवं एए दस दुयसंजोगा भंगा पुण चत्तालीसं । जइ तिवणे ? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियगा य, ३. सिय कालए य नीलगा य लोहियए य, ४. सिय कालगा य नौलए य लोहियए य, एए भंगा ४, एवं कालानीलाहालि (एहिं भंगा ४, कालनीलसुक्किल ४, काललोहियहालिद्द ४, काललोहियसुक्किल ४, कालहालिइसक्किल ४, नीललोहिसहालिद्दगाणं भंगा ४, नीललोहियसुक्किल ४, नीलहालिसक्किल ४,लोहियहालिहसक्किलगाणं भंगा ४, एवं एए दसतियासंजोगा, एक्केक्के संजोए चत्तारि भंगा, 'सव्वे एते" चत्तालीसं भंगा। जइ चउवणे ? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य हालिद्दए य, २. सिय कालए य नीलए य लोहियए य सुक्किलए य, ३. सिय कालए य नीलए य हालिद्दए य सुक्किलए य, ४. सिय कालए य लोहियए हालिद्दए य सुक्किलए य, ५. सिय नीलए य लोहियए य हालिद्दए य सुक्किलए य, एवमेते चउक्कगसंजोगे पंच भंगा। एए सव्वे नउइं भंगा। जइ एगगंधे ? सिय सुब्भिगंधे, सिय दुब्भिगंधे । जइ दुगंधे ? सुब्भिगंधे य दुब्भिगंधे य रसा जहा वण्णा। जइ दुफासे ? जहेव परमाणुपोग्गले ४ । जइ तिफासे ? १. सव्वे सीए देसे निद्धे देसे लुक्खे, २. सव्वे सीए देसे निद्धे देसा लुक्खा, ३. सव्वे सीए देसा निद्धा देसे लुक्खे, ४. सव्वे सीए देसा निद्धा देसा लुक्खा, सव्वे उसिणे देसे निद्धे देसे लूखे, एवं भंगा ४, सव्वे निद्धे देसे सोए देसे उसिणे ४, सव्वे लुक्खे देसे सीए देसे उसिणे ४, एए तिफासे सोलस भंगा। जइ चउफासे ? १. देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, २. देसे सीए देसे उसिणे देसे निद्धे देसा लुक्खा, ३. देसे सोए देसे उसिणे देसा निद्धा देसे लक्खे, ४. देसे सीए देसे उसिणे देसा निद्धा देसा लुक्खा, ५. देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसे लुक्खे, ६. देसे सीए देसा उसिणा देसे निद्धे देसा लुक्खा, ७. देसे सीए देसा उसिणा देसा निद्धा देसे लुक्खे, ८. देसे सीए देसा उसिणा देसा निद्धा देसा लुक्खा, ६. देसा सीया देसे उसिणे देसे निद्धे देसे लुक्खे, एवं एए चउफासे सोलस भंगा भाणियव्वा जाव देसा सीया देसा उसिणा देसा निद्धा देसा लुक्खा, सब्वे एते फासेसु छत्तीसं भंगा। ३०. पंचपए सिए णं भंते ! खंधे कतिवण्णे० ? जहा अट्ठारसमसए जाव' सिय चउ फासे पण्णत्ते । जइ एगवणे ? एगवण्ण-दुवण्णा जहेव चउप्पएसिए । जइ तिवणे ? १. सिय कालए य नीलए य लोहियए य, २. सिय कालए य नीलए १. सव्वेते (अ, क, ख, व, म, स)। १. भ० १८११५। Jain Education International Jain Education International For Private & Personal Use Only For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003561
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Bhagvai Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages1158
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy