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अट्ठमं सतं (बीओ उद्देसो) १३४. देवभवत्था णं भंते !
___ जहा निरयभवत्था । अभवत्था जहा सिद्धा ।। भवसिद्धियाभवसिद्धियं पडुच्च१३५. भवसिद्धिया गं भंते ! जीवा कि नाणी ?
जहा सकाइया ।। १३६. अभवसिद्धियाणं पुच्छा।
गोयमा ! नो नाणी, अण्णाणी; तिणि अण्णाणाई भयणाए । १३७. नोभवसिद्धिया-नोग्रभवसिद्धिया णं मंते ! जीवा किनाणी ?
जहा सिद्धा !! सण्णि-प्रणि पडच्च१३८. सण्णीणं पुच्छा।
जहा सइंदिया । असण्णी जहा वेइंदिया। नोसण्णी-नोअसण्णी जहा सिद्धा!! लद्धि-पदं १३६. कतिविहा णं भंते लद्धी पण्णत्ता?
गोयमा ! दसविहा लद्धी पण्णत्ता, तं जहा--१. नाणलद्धो २. दंसणलद्धी ३. चरित्तलद्धी ४. चरित्ताचरित्तलद्धी ५. दाणलद्धी ६. लाभलद्धी ७. भोग
लद्धी ८. उवभोगलद्धी ६. वीरियलद्धी १०. इंदियलद्धी ।। १४०. नाणलद्धी णं भंते ! कतिविहा पण्णता ?
गोयमा! पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा-पाभिणिवोहियनाणलद्धी जाव' केवल
नाणलद्धी। १४१. अण्णाणलद्धी णं भंते ! कतिविहा पण्णत्ता ?
गोयमा ! तिविहा पण्णत्ता, तं जहा --मइअण्णाणलद्धी, सुयअण्णाणलद्धी,
विभंगनाणलद्धी ।। १४२. दंसणलद्धी णं भंते ! कतिविहा पण्णत्ता?
गोयमा ! तिविहा पण्णत्ता, तं जहा--- सम्मदसणलद्धी, मिच्छादसणलद्धी,
सम्मामिच्छादसणलद्धी ।। १४३. चरित्तलद्धी णं भंते ! कतिविहा पण्णता?
गोयमा ! पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा-सामाइयचरित्तलद्धी, छेदोवद्रावणियचरित्तलद्धी, परिहारविसुद्धिचरित्तलद्धी, सुहमसंपरायचरित्तलद्धी, अक्खायचरित्तलद्धी॥
१. भ०८।६७।
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