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________________ पृ० १०२ पृ० ६०२-६०३ एगणणउइइमो समवाओ सू०१-४ तित्थयर-पदं १, महावीर-पदं २, चावट्टि पदं ३, तित्थयर-पदं ४ । उइइमो समवाओ सू० १-५ तित्थियर पद १, गण-गणहर-पद २, वासूदेव-पद ४, अंतर-पद ५। एक्क णउइइमो समवाओ पडिमा-पद १, कालोय-समुद्द-पदं २, तित्थयर-पद ३, कम्म-पद ४ । बाणउइइमो समवाओ पडिमा-पद १, गणहर-पद २, अंतर-पद३। पृ०६०३ सू० १-४ पृ०६०३ पृ०६०३ . तेणउइमो समवाओ सू० १-३ गण-गणहर पदं १, तिस्थयर-पदं २, सूरिय-पदं ३ । चउणइइमो समवाओ सू०१-२ जीवा-पदं १, तित्थयर-पद २ । सू० १-२ पृ०६०३ पंचाणउइइमो समवाओ सू०१-५ पृ० ६०४ गण-गणहर-पदं १, महापायाल-पद २, लवणसमुद्द-पदं ३, तित्थयर-पर ४, गणहर-पद ५१ छणउइइमो समवाओ सू० १.६ पृ०६०४ चारुवट्टि-पदं १, आवास-पद २, ववहारिय-दौंड-आदि-पद ३, आतिमहत्त-पद । . सत्ताणउइइमो समवाओ सू०१-४ पृ० ६०४,६०५ अंतर-पद १, कम्म-पद ३, चक्कवट्टि-पट ४ । अट्ठाणउइइमो समवाओ स०१७ पृ०६०५ अंतर-पद १, धणुपट्ट-पद ४, सूरिय-पद ५, नक्खत्त-पद ७१ णवणउइइमो समवाओ सू०१-७ पृ० १०५-९०६ मंदर-पव्वय-गद १, अंतर-पद २, सुरियमंडल-पद ४, अंतर-पद । सततमो समवाओ भिवखपडिमा-पद १, नक्खत्त-पद २, तित्थयर-पद ३, पास-पदं ४, गणहर-पद ५, दीहवेयडढ-पद६, चुल्ल हिमवंत-पद ७, कंचणग-पञ्चय-पद । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003560
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Samvao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages267
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_samvayang
File Size5 MB
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