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________________ अट्ठावीसइमो समवाओ ८६७ अट्ठावीसइमो समवाओ १. अट्ठावीसविहे आयारपकप्पे' पण्णत्ते, तं जहा - मासिया आरोवणा, सपंचरायमासिया आरोवणा, सदसरायमासिया आरोवणा, सपण्णरसरायमासिया आरोवणा, सवीसइरायमासिया आरोवणा, सपंचवीसरायमासिया आरोवणा। "दोमासिया आरोवणा, सपंचरायदोमासिया आरोवणा, सदसरायदोमासिया आरोवणा, सपण्णरसरायदोमासिया आरोवणा, सवीसइरायदोमासिया आरोवणा, सपंचवीसरायदोमासिया आरोवणा। तेमासिया आरोवणा, सपंचरायतेमासिया आरोवणा, सदसरायतेमासिया आरोवणा, सपण्णरसरायतेमासिया आरोवणा, सवीसइरायतेमासिया आरोवणा, सपंचवीस रायतेमासिया आरोवणा। चउमासिया आरोवणा, सपंचरायचउमासिया आरोवणा, सदसरायचउमासिया आरोवणा, सपण्णरसरायचउमासिया आरोवणा, सवीसइरायचउमासिया आरोवणा, सपंचवीसरायचउमासिया आरोवणा । उग्घातिया आरोवणा, अणुग्घातिया आरोवणा, कसिणा आरोवणा, अकसिणा आरोवणा। एत्ताव ताव आयारपकप्पे एत्तावताव आयरियव्वे ॥ २. भवसिद्धियाणं जीवाणं अत्थेगइयाणं मोहणिज्जस्स कम्मस्स अट्ठावीसं कम्मसा संतकम्मा पण्णत्ता, तं जहा-सम्मत्तवेअणिज्ज मिच्छत्तवेयणिज्जं सम्ममिच्छत्त वेयणिज्ज" सोलस कसाया णव णोकसाया ।। ३. आभिणिबोहियणाणे अठ्ठावीसइविहे पण्णत्ते, तं जहा सोइंदियत्थोग्गहे' चक्खिदियत्थोग्गहे धाणिदियत्थोग्गहे जिभिदियत्थोग्गहे फासिदियत्थोग्गहे णोइंदियत्थोग्गहे। सोइंदियवंजणोग्गहे धाणिदियवंजणोग्गहे जिभिदियवंजणोग्गहे फासिदियवंजणोरगहे। १. अट्ठावीसइविहे (ख, ग)। ७. आयारकप्पे (क)। २. आयारकप्पे (क)। ८. इत्ताव (क, ग)। ३. सं० पा०–एवं चेव दोमासिया आरोवणा १. आया ° (क, ख) । संपंचरायदोमासिया आरोवणा एवं तेमा- १०. सतकम् (क); संतकम्मं (ग)। सिया आरोवणा एवं चउमासिया आरोवणा। ११. सम्मा० (ख); सम्मत्त (ग)। ४. उवघातिया (ग)। १२. सोतिदियत्थोवग्गहे (ग) ! ५. अणुवधातिया (ग)। १३. चक्खंदियत्थोग्गहे (ख); चक्खंदिय स्थावग्गहे ६. इत्ताव (क, ग)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003560
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Samvao Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1975
Total Pages267
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_samvayang
File Size5 MB
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