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दव्व-पदं
१३८. दुविहा दव्वा पण्णत्ता, तं जहा - परिणया चेव, अपरिणया चैव ॥
जीव- णिकाय-पदं
१३६. दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता, तं जहा - गतिसमावण्णगा चेव, अगतिसमावण्णगा
चेव ॥
१४०. दुविहा आउकाइया पण्णत्ता, तं जहा - गतिसमावण्णगा चेव, अगतिसमावण्णा चेव ||
१४१. दुविहा तेउकाइया पण्णत्ता, तं जहा --- गतिसमावण्णगा चेव, अगतिसमावण्णगा चेव ॥
ठाणं
१४२. दुविहा वाउकाइया पण्णत्ता, तं जहा - गतिसमावण्णगा चेव, अगतिसमावण्णगा चैव ॥
१४३. दुविहा वणस्सइकाइया पण्णत्ता, तं जहा - गतिसमावण्णगा चेव, अगतिसमाaणगा चैव ॥
दव्व-पदं
१४४. दुविहा दव्वा पण्णत्ता, तं जहा - गतिसमावण्णगा चेव, अगतिसमावण्णगा चेव ॥ जीव- णिकाय-पदं
१४५. दुविहा पुढविकाइया पण्णत्ता, तं जहा - अनंतरोगाढा चेव, परंपरोगाढा चेव ॥ १४६. दुविहा आउकाइया पण्णत्ता, तं जहा -- अनंतरोगाढा चेव, परंपरोगाढा चैव ॥
१४७. दुविहा तेउकाइया पण्णत्ता, तं जहा -- अनंत रोगाढा चेव, परंपरोगाढा चेव || १४८. दुविहा वाउकाइया पण्णत्ता, तं जहा - अनंत रोगाढा चेव, परंपरोगाढा चेव ॥ १४६. दुविहा वणस्सइकाइया पण्णत्ता, तं जहा - अनंत रोगाढा चैव परंपरोगाढा चैव ॥ दव्य-पदं
१५०. दुविहा दव्वा पण्णत्ता, तं जहा - अनंतरोगाढा चेव, परंपरोगाढा चेव ।। १५१. दुविहे काले पण्णत्ते, तं जहा ओसप्पिणीकाले चेव, उस्सप्पिणोकाले' चेव || १५२. दुविहे आगासे पण्णत्ते, तं जहा- लोगागासे चेव, अलोगागासे चेव ॥
३. उवस्सप्पिणी ० (ख); ओस्सप्पिणी (ग) 1
१. सं० पा० - एव जाव वणस्सइकाइया 1 २. सं० पा०-- जाव दव्वा ।
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