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चउत्थं अज्झयणं (पच्चक्खाणकिरिया)
४५७ २४. से भिक्खू अकिरिए अलूसए अकोहे' अमाणे अमाए ° अलोभे उवसंते परि
णिव्वुडे ।। २५. एस खलु भगवया अक्खाए संजय - विरय - पडिहय - पच्चक्खाय-पावकम्मे अकिरिए संवुडे एगंतपंडिए यावि भवइ।
-त्ति बेमि ॥
१. सं० पा०--अकोहे जाव अलोभे।
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