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सत्तमं अज्झयणं (ओग्गह-पडिमा -- बीओ उद्देसो)
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तत्थ समहिद्वार, ते ओग्गहं अणुष्णविज्जा । कामं खलु आउसो ! अहालंद अहापरिणायं वसामो, जाव आउसा, जाव आउसंतस्स आग्गहो, जाव साहम्मिया एत्ता, ताव ओग्गहं ओगिहिस्सामो, तेण परं विहरिस्सामो || से किं पुण तत्थ ओहंसि एवोग्गहियंसि ? जे तत्थ गाहावईण वा, गाहावइपुत्ताण वा इच्चेयाई आयतणाई' उवाइकम्म' ॥
ओह-पडिमा पर्द
४८. अह भिक्खू जाणेज्जा इमाहिं सत्तहिं पडिमाहिं ओग्गहं ओगिव्हित्तए || ४६. तत्थ खलु इमा पढमा पडिमा - से आगंतारेसु वा, आरामागारेसु वा, गाहावइकुलेसु वा परियावसहेसु वा अणुवीइ ओग्गहं जाएज्जा' - - " जे तत्थ ईसरे, जे तत्थ समहिट्टाए, ते ओग्गहं अणुण्णविज्जा । कामं खलु आउसो ! अहालंद अहापरिणायं वसामो जात्र आउसो, जाव आउसंतस्स ओग्गहो, जाव साहमिया एत्ता, ताव ओग्गहं ओगिहिस्सामो, तेण परं विहरिस्सामो- पढमा पडिमा ||
५०. अहावरा दोच्चा पडिमा -- जस्स णं भिक्खुस्स एवं भवइ "अहं च खलु अण्णेसिं भिक्खूणं अट्ठाए ओग्गहं ओगिहिस्सामि, अण्णसिं भिक्खूण 'ओग्गहे ओग्गहिए" उवल्लिस्सामि " दोच्चा पडिमा ||
५१. अहावरा तच्चा पडिमा - जस्सणं भिक्खुस्स एवं भवइ “अहं च खलु अण्णेसि raai agre ओहं ओगिहिस्सामि, अण्णेसि भिक्खूणं च ओग्गहे ओग्गहिए णो उवल्लिस्सामि" -- तच्चा पडिमा |
५२. अहावरा चउत्था पडिमा जस्स णं भिक्खुस्स एवं भवइ "अहं च खलु अण्णेसि भिक्खूणं अट्ठाए ओग्गहं णो ओगिहिस्सामि, अण्णेसि च ओग्गहे ओग्गहिए उवल्लिस्सामि " - चउत्था पडिमा ||
५३. अहावरा पंचमा पडिमा - जस्सणं भिक्खुस्स एवं भवइ, "अहं च खलु अप्पणो अाए ओहं ओगिहिस्सामि, जो दोन्हं, णो तिण्हं, णो चउन्हं, णो पंचंपंचमा पडिमा ||
५४. अहावरा छट्टा पडिमा से भिक्खू वा भिक्खुणी वा जस्सेव ओग्गहे उवल्लि - एज्जा, जे तत्थ अहासमण्णागए, तं जहा---इक्कडे वा' "कढिणे वा, जंतुए वा, परवा, मोरगेवा, तणे वा, कुसे वा, कुच्चगे वा, पिप्पले वा, पलाले वा ।
१. आयाणाई ( क च ); आययाणाई (घ ) ; आयणाई (छ); आययणा (व) 1
२. त्यावग्रहमवग्रहीतुं जानीयात् (वृ ) 1
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३. सं० पा० - जाएज्जा जाव विहरिस्तामी । ४. ओग्गहिए ओग्गहे ( अ ) । ५. सं० पा०
इक्कडे वा जाव पलाले ।
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