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________________ ६५४ ववहारो एगा दत्ती भोयणस्स पडिगाहेत्तए, एगा पाणस्स', अण्णायउंछ सुद्धोवहडं निज्जहित्ता बहवे समण-माहण-अतिहि-किवण-वणीमगा, कप्पइ से एगस्स भुंजमाणस्स पडिगाहेत्तए, नो दोण्हं नो तिण्हं नो चउण्हं नो पंचण्हं, नो गुम्विणीए नो बालवच्छाए' नो दारगं पेज्जमाणीए, नो अंतो एलुयस्स दो वि पाए साहट्ट दलमाणीए, नो बाहिं एलुयस्स दो वि पाए साहट्ट दलमाणीए । एगं पायं अंतो किच्चा एगं पायं बाहिं किच्चा एलयं विक्खंभइत्ता एवं दलयइ, एवं से कप्पइ पडिगाहेत्तए । एवं नो दलयइ एवं से नो कप्पइ पडिगाहेत्तए । बिइज्जाए से कप्पइ दोण्णि दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, दोण्णि पाणस्स । तइयाए से कप्पइ तिण्णि दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, तिण्णि पाणस्स। चउत्थीए से कप्पइ चउ दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, चउ पाणस्स। पंचमीए से कप्पइ पंच दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, पंच पाणस्स । छट्ठीए से कप्पइ छ दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, छ पाणस्स । सत्तमीए से कप्पइ सत्त दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, सत्त पाणस्स । अट्ठमीए से कप्पइ अट्ठ दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, अट्ठ पाणस्स । नवमीए से कप्पइ नव दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, नव पाणस्स । दसमीए से कप्पइ दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, दस पाणस्स। एगारसमीए से कप्पइ एगारस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, एगारस पाणस्स । बारसमीए से कप्पइ बारस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, बारस पाणस्स । तेरसमीए से कप्पइ तेरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, तेरस पाणस्स । चोद्दसमीए से कप्पइ चोद्दस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, चोद्दस पाणस्स। पन्नरसमीए से कप्पइ पन्नरस दत्तीओ भोयणस्स पडिगाहेत्तए, पन्नरस पाणस्स। बहलपक्खस्स पाडिवए कप्पंति चोद्दस दत्तीओ भोयणस्स पडिग्गाहेत्तए, चोइस माहणकिवणवणीमए नो एकस्स भुंजमाणस्स सा जवमझा चंदपडिमा अहासुत्तं जाव अणुनो दोण्हं भुंजमाणेणं नो गुव्विणीए नो बाल- पालिता भवइ । वच्छाए नो थणयं पेज्जेमाणीए नो अंतो एलु- १०. पक्खस्स से (ख, जी, शु)। गस्स दो वि पाए साहटु दलमाणीए नो बाहि १. पाणस्स सव्वेहि दुपयचउप्पयादिएहिं आहारकएलुयस्स दो वि पाए साहटु दलमाणीए एग खोहिं सत्तेहिं पडिणियत्तेहिं (ख) । पायं अंतो किच्चा एगं पायं बाहिं किच्चा २. बालवत्थाए (ख, जी, शु) । एलूगं विक्खंभइत्ता पग्गहियाए एसणाए ३. एयाए एसणाए लभेज्जा आहारेज्जा एयाए दलएज्जा एवं से कप्पइ पडिग्गाहेत्तए । सणाए नो लभेज्जा नो आहारेज्जा (ख) । बितियाए तेरसदत्तीओ भोयणस्स तेरस दत्तीओ पाणयस्स तइयाए बारस दत्तीओ ५. अतोने 'ख' प्रतौ सव्वेहि दुपयचउप्पयादिएहिं भोयणस्स बारस पाणयस्स एवं एक्केक्क आहारकंखीहिं सत्तेहि पडिणियत्तेहिं अन्नायपरिहाणीए जाव चोद्दसमीए एगा दत्ती भोयण उंछ इत्यादि आलापक: एकदत्तिवत् लिखिस्स एगा पाणयस्स । अमावासाए असंबद्धे तोस्ति। (असंसठे-ता) या वि भवइ । एवं खलु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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