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________________ ૧૪૨ पज्जोसवणाकप्पो थेरस्स णं अज्जजंबुनामस्स कासवगोत्तस्स अज्जप्पभवे थेरे अंतेवासी कच्चायणसगोत्ते। थेरस्स णं अज्जप्पभवस्स कच्चायणसगोत्तस्स अज्जसेज्जभवे'थेरे अंतेवासी मणगपिया वच्छसगोत्ते। थेरस्स णं अज्जसेज्जभवस्स मणगपिउणो वच्छसगोत्तस्स अज्जजसभद्दे थेरे अंतेवासी तुंगियायणसगोत्ते ॥ १८७. संखित्तवायणाए' अज्जजसभद्दाओ अग्गओ एवं थेरावली भणिया तं जहा-थेरस्स णं अज्जजसभद्दस्स तुंगियायणसगोत्तस्स अंतेवासी दुवे थेरा-थेरे अज्जसंभूयविजए माढरसगोत्ते, थेरे अज्जभद्दबाहू पाईणसगोत्ते । थेरस्स णं अज्जसंभूयविजयस्स माढरसगोत्तस्स अंतेवासी थेरे अज्जथूलभद्दे गोयमसगोत्ते। थेरस्स णं अज्जथूलभद्दस्स गोयमसगोत्तस्स अंतेवासी दुवे थेरा-थेरे अज्जमहागिरी एलावच्छसगोत्ते, थेरे अज्जसुहत्थी वासिट्ठसगोत्ते । थेरस्स णं अज्जसुहत्थिस्स वासिट्ठसगोत्तस्स अंतेवासी दुवे थेरा-सुट्ठियसुप्पडिबुद्धा कोडिय-काकंदगा वग्घावच्चसगोत्ता। थेराणं सुट्ठियसुप्पडिबुद्धाणं कोडिय-काकंदगाणं वग्यावच्चसगोत्ताणं अंतेवासी थेरे अज्जइंददिन्ने कोसियगोत्ते। थेरस्स णं अज्जइंददिन्नस्स कोसियगोत्तस्स अंतेवासी थेरे अज्ज दिन्ने गोयमसगोत्ते । थेरस्स णं अज्जदिनस्स गोयमसगोत्तस्स अंतेवासी थेरे अज्जसीहगिरी जाइस्सरे कोसियगोत्ते। थेरस्स णं अज्जसीहगिरिस्स जाइसरस्स कोसियगोत्तस्स अंवतासी थेरे अज्जवइरे गोयमसगोत्ते। थेरस्स णं अज्जवइरस्स गोयमसगोत्तस्स 'अंतेवासी थेरे अज्जवइरसेणे कोसियगोत्ते। थेरस्स णं अज्जवइरसेणस्स कोसियगोत्तस्स२ अंतेवासी चत्तारि थेरा-थेरे अज्जनाइले, थेरे अज्जपोमिले', थेरे अज्जजयंते, थेरे अज्जतावसे । थेराओ अज्जनाइलाओ अज्जनाइला साहा निग्गया । थेराओ अज्जपोमिलाओ अज्जपोमिला साहा निग्गया। थेराओ अज्जजयंताओ अज्जजयंती साहा निग्गया। थेराओ अज्ज तावसाओ अज्जतावसी साहा निग्गया। इति । १८८. वित्थरवायणाए पुण अज्जजसभद्दाओ परओ थेरावली एवं पलोइज्जइ, तं जहा थेरस्स णं अज्जजसमद्दस्स तुंगियायणसगोत्तस्स इमे दो थेरा अंतेवासी अहावच्चा १. 'ता' प्रती संक्षिप्तवाचनायाः सूत्रं नास्ति । पाठो नास्ति । 'वित्थरवायणाए' इति पदात् 'जहा' इति पद- ३. 'पोगिले (1) सर्वत्र । पर्यतः पाठोपि नास्ति । ४. विलोइज्जइ (क, ख, ग)। २. मुनिपुण्यविजयसम्पादिते कल्पसूत्रे चिन्हितः ५. ४ (पु)। वित्थरबायजाए इति पदात् वहा' इति पद- . पाणित (४) सर्वत्र । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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