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से णं तत्थ इहेज्जा' ? नो इणमट्ठे समट्ठे, 'नो खलु तत्थ सत्थं कमइ । ३. से णं भंते ! पोक्खलसंवट्टगस्स' महामेहस्स मज्भंमज्भेणं वीइवएज्जा ? हंता वीइवएज्जा | से णं तत्थ उदउल्ले सिया ? नो इणमट्ठे समट्ठे, नो खलु तत्थ सत्थं कमइ ।
४. से णं भंते ! गंगाए महानईए पडिसोयं हव्वमागच्छेज्जा ? हंता हव्वमागच्छेज्जा | से णं तत्थ विणिघायमावज्जेज्जा ? नो इणमट्ठे समट्ठे, नो खलु
तत्थ सत्थं कमइ ।
५. से णं भंते ! उदगावत्तं वा उदगबिंदु वा ओगाहेज्जा ? हंता ओगाहेज्जा | से णं तत्थ कुच्छेज्ज वा परियावज्जेज्ज वा ? नो इणमट्ठे समट्ठे, नो खलु तत्य सत्यं
कमइ ।
गाहा—
सत्थेण सुतिक्खेण वि, छेत्तुं भेत्तुं च जं किर न सक्का । तं परमाणु सिद्धा, वयंति 'आई पमाणानं ॥ १ ॥
३६६. अणंताणं वावहारियपरमाणुपोग्गलाणं समुदय समिति-समागमेणं सा एगा उसण्हसहा इवा, सहसहिया इ वा, उड्ढरेणू इ वा, तसरेणू इवा, रहरेणू इ वा, (वालग्गे इवा, लिक्खा इवा, जूया इवा, जवमज्भे इ वा, अंगुले इ वा ? ) ' अट्ठ सहसहियाओ सा एगा सहसहिया, अट्ठ सहसहियाओ सा एगा उड्ढरेणू, अट्ठ उड्ढरेणूओ सा एगा तसरेणू, अट्ठ तसरेणूओ सा एगा रहरेणू, अट्ठ रहरेणूओ देवकुरु-' उत्तरकुरुगाणं मणुस्साणं" से एगे वालग्गे अट्ठ देवकुरु- उत्तरकुरुगाणं मसाणं वाग्गा हरिवास - रम्मगवासाणं मणुस्साणं से एगे वालग्गे, अट्ठ हरिवास-रम्मगवासाणं मणुस्साणं वालग्गा हेमवय- हेरण्णवयाणं मणुस्साणं से एगे वालग्गे, अट्ठ हेमवय - हेरण्णवयाणं मणुस्साणं वालग्गा पुव्वविदेह - अव र विदेहाणं मनुस्सा से एगे वालग्गे, अट्ठ पुव्वविदेह - अवरविदेहाणं मणुस्साणं वालग्गा भरहेरवयाणं मणुस्साणं से एगे वालग्गे, अट्ठ भरहेरवयाणं मणुस्साणं वालग्गा सा एगा लिक्खा, अट्ठ लिक्खाओ सा एगा जुया, अट्ठ जयाओ से एगे जवमज्भे, अट्ठ जवमज्झा से एगे उस्सेहं गुले ।
गदराई
४००. एएणं अंगुलप्पमाणेणं छ अंगुलाई पादो, बारस अंगुलाई विहत्थी, चउवीसं अंगुलाई रयणी, अडयालीसं अंगुलाई कुच्छी, छन्नउई अंगुलाई से एगे दंडे इ वा धणू इवा जुगेइ वा नालिया इ वा अक्खे इ वा मुसले इवा, एएणं धणुप्पमाणेणं दो
१. दज्भिज्जा ( क ) ; नस्सेज्जा ( ख, ग ) ।
२. नो जाव कमइ ( क ) सर्वत्र ।
३. पुक्खर० ( ख, ग ) ।
४. आइप्यमाणा (क); आदिप्पमाणाणं
ग) ।
५. कोष्ठकवर्त्ती पाठ: भगवती (६।१३४ )
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ख,
सूत्रस्याधारेण स्वीकृत: । प्रकरणसादृश्यादसो अत्रापि युज्यतेस्म, किन्तु लिपिकाले संक्षेपीकरणपरम्परया कानिचित् पदानि न लिखितानीति प्रतीयते ।
६. कुरूणं मणुयाणं ( ख, ग ) ।
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