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संकेत निर्देशिका
• ° ये दो बिन्दु पाठपूर्ति के द्योतक हैं। पाठपूर्ति के प्रारंभ में भरा बिन्दु [.] और उसके
समापन में रिक्त बिन्दु [°] रखा गया है । देखें-पृष्ठ २६७ सूत्र ३१ (?) कोष्ठकवर्ती प्रश्नचिन्ह [?] आदर्शों में अप्राप्त किन्तु आवश्यक पाठ के अस्तित्व का
सूचक है । देखें-पृष्ठ ३६२ सू० ३६६ [ } आदर्शों में प्राप्त किन्तु प्रस्तुत प्रकरण में आवश्यक व्याख्यांश पाठ को कोष्ठक [ ] में
रखा गया है । देखें-पृ० २६, गाथा २७ के बाद ' ' यह दो या उससे अधिक शब्दों के स्थान में पाठान्तर होने का सूचक है । देखें-पृ० ५ x क्रॉस (x) पाठ न होने का द्योतक है । देखें-पृ० १३, टि० १४ __पाठ के पूर्व या अन्त में खाली बिन्दु () अपूर्ण पाठ का द्योतक है। देखें-पृ. ५,
टि०४,५ अ, आ, इ, उ, ऋ, क, ख, ग, घ, जी, ता, पु, श, स, सु, शु, अचू, जिचू, ह, हाटी, हा,
तु, चू, हे, भा, मव । देखें-सम्पादकीय प्रति परिचय अचूपा०
अगस्त्य चूर्णि के पाठान्तर जिचूपा० जिनदास चूणि के पाठान्तर चूपा०
चूर्णि के पाठान्तर
हारिभद्रिटीका के पाठान्तर हावृपा०
बृहद्वृति के पाठान्तर सुपा०
सुखबोधा टीका के पाठान्तर हेपा०
मल्लधारी हेमचन्द्र वृत्ति के पाठान्तर हपा०
हरीभद्रीय वृत्ति के पाठान्तर मपा, मवृपा० मलयागिरि वृत्ति के पाठान्तर अणु०
अणुयोगद्वार सूत्र आनि० आवश्यक नियुक्ति
दिगम्बर आवश्यक
हाटीपा०
बृपा०
दि०
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