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________________ हस्स-हिरण्ण ३१७ हस्स (ह्रस्व) उ० २६।२३ हस्सकुहय (हास्यकुहक) द० १०।२० हा (हा)-हायइ उ० १०।२१.-हायए उ०२६।१४ हाणि (हानि) द० २।६. व. १०१५ - हाय (हा)--हायंति द० ८।३५ हायण (हायन) दसा० १०।१४ हायमाणय (हायमानक) नं० ६,१६ हार (हार) उ० ३४१६. नं० गा० १५. दसा० १०।३,११,१२,१५. ५० १०,२१,२३, २४.३२,४२. नि० ७७ से ८; १७९ से ११ हारपुडपाय (हारपुटपात्र) नि० ११११ से ३ । हारपुडबंधण (हारपुटबंधन) नि० १११४ से ६ वहार (हारय)-हारए उ० ॥११ हारित्ता (हारयित्वा) उ० ७.१५ ।। हारिय (हारित) नं० गा० २६. प० १९८ हारियगुत्त (हारितगोत्र) नं० गा० २६ हारियमालागारी (हारितमालागारी) प० १६८ हारियायण (हारितायन) प० १८३ हालहल (हालहल) द०६७ हालिज्ज (हालीय) प० १९८ हालिद्द (हारिद्र) अ० २५८,२६३,५०६. प० २६३,२६४ हालिद्दा (हारिद्रा) उ० ३६।१६,७२ हालिय (हालिक) अ० ३३२ इहाव (हापय)-हावए उ०५।२३.-हावएज्जा द० ८।४० हास (हास) द० ४ सू० १२. उ० १९।१६।६; १९६९; २४।६; २०२३; ३२।१४,१०२; ३६।२६३. अ० ३०६,३११,३१६ हासकर (हासकर) दसा० १०।१४ हासमाण (हसत्) द० ७१५४ हासरस (हासरस) अ० ३१६ हिएसय (हितैषक) उ० ३४।२८ हिएसि (हितैषिन्) उ० १३।५ हिंगलय (हिंगुलक) द० ५।३३ हिंगुलुय (हिंगुलुक) उ० ३४।७; ३६१७४ हिंगोल (दे०) नि० ११८१ हिंडग (हिण्डक) अ० ३०२१७ हिंस (हिंस्र) उ० ५।६; १५ हिंस (हिन्स)-हिंसइद० ४।१. उ० २५४२२. -हिसंति द०६।२६.-हिंसेज्ज द० २५. -हिंसेज्जा द० ८।१२ हिंसग (हिंसक) द०६।११. उ० १२१५; ३६।२५७. अ० ३०२१७ हिंसा (हिंसा) उ० १८।११; ३५।३ हिच्च (हित्वा) उ० १४१३४ हिच्चा (हित्वा) उ० ३.१३ हित (हित) दसा० १०।११ हिम (हिम) द० ४ सू० १६८।६. उ० ३६।८५. प० २७ हिमवंत (हिमवत्) नं० गा० ३४. प० २४ हिमवंतखमासमण (हिमवत्क्षमाश्रमण) नं० गा० ३५ यि (हित) द० ४ सू० १७; ५।६४; ७.५६; ८.३६,४३, ६।४।२,६; १०।२१. उ० १६,२८, २६२।१३,८३,५,१३।१५; १६२६; ३२।१,११,१५,१६. नं० गा० ३६, सू० ३८।१०. अनं २८ हियइच्छिय (हृदयेष्ट) दसा० १०।२४ हियउप्पाडिय (हृदयोत्पाटित) दसा० ६।३ हियय (हृदय) उ० २३१४५; २९।१३. नं० गा० ३७. अ० ३११. दसा० १०४,६,७, १० से १२,१८. प० ५ से ७,१०,१५,२६,३०, ३६,३८,३६,४१,४३,४४,४७,४८,५०,५६,६३, ७३,७५ हिरण्ण (हिरण्य) उ० ३।१७; ६।४६,४६; १६।१६; ३५॥१३. अनं० १३,१७. अ०. ५५७. दसा० ६॥३. ५० ५२,६१,६६,७४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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