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________________ लोलायंत-लोगायत २५१ लीलायंत (लीलायमान) प० २३ लंच (लुञ्च)-लुचई उ० २२।२४ लुप (लुप्)-लुप्पंति उ० ६३१ लुक्ख (रूक्ष) उ० ३६।२०. अ० २६१,२६३, ५१२. दसा० ३।३. ५० ५८ लुक्खय (रुक्षक) उ० ३६।४१ लुत्त (लुप्त) उ० २२।२५,३१ लुत्तसिरय (लुप्तशिरोज) दसा० ६।१८ लुद्ध (लुब्ध) द० ५।१३२. उ० ६।४८; १११२, ६; १७१११ लुपंत (लुप्यमान) उ० ६॥३ Vलुम्भ (लुम्)-लुब्भसि दसा० ६।२।१५ इल्स (लषय)-लूसए द० ५।६८.-लूसेज्जा व० ०२१ लूसिय (लूषित) द० १०.१३ लूह (रक्षा) उ० २१६,३४ लूहवित्ति (रूक्षवृत्ति) द० ५।१३४,८।२५ लूहिय (रूक्षित) दसा० १०॥११. प० ४२ लेठ्ठ (लेष्टु) उ० ३५।१३.५०८० लेण (लयन) अ० ३६२. प० २६२,२६६ लेप्पकम्म (लेप्यकर्मन) अनं० ३. म० १०,३१, ५४,७८,१०३,५६० लेप्पकार (लेप्यकार) अ० ३६० लेप्पा (लिप्या) उ० १९६५ लेल (लेष्ट) द०४ सू०१८,८।४. दसा० २।३, ६३. नि० ७१७४; १३१७,१०,१४१२६ १६।५०; १८१६१ लेलुय (लेष्टुक) नि० १३१७; १४१२६; १६।४७; १८५८ लेव (लेप) द० २४५,१०१. उ० ६३१५८।१५. व. २०२८ लेवालेव (लेपालेप) आ० ६१६,१०. दसा० ७।२३ लेस (लेश्य) दसा० ५।७।६,७ लेसज्झयण (लेश्याध्ययन) उ० ३४; ३४१ लेसा (लेश्या) आ० ४१८. उ० १२१४६; ३११८ ३४.२,१६ से २०,३३,४०,४४,४५,४७,५८ से ६१. नं० गा० १० लेसिय (लेशित) आ० ४।४ लेह (लेख) नं० ३८।६. प० १६५. नि० ६।१३ लेहवाह (लेखवाह) अ० ३०२।७ लोइय (लौकिक) अनं० १०,११,१४,२५,२६. अ० १८,१६,२४,२५,४८,४६,५४७,५४८, ६५२,६५३,६५६,६१८,६७६,६८२ लोइयकरणी (लोकिककरणी) अ. ३१४ लोउत्तरिय (लोकोत्तरिक) अनं० १०,१६,२२,२५, २८ लोकबिंदुसार (लोकबिन्दुसार) नं० १०४.११८ लोग (लोक) आ० १११; २।१,६; ४१८,५१४; ६।११. द. ४।२२,२३,२५, ६।१२,७१५७; ६।२४; चू० २।३. उ० २।१६।८।२०।६।१, ५८; १२।२८१३।१६; १४१८,१६,२१ से २३; १७।२१, १३।१,५,३२,७५; २८१७; २६७२, ३२।१६, ३४।३३, ३६७,१००, १११,१२०,१३०,१३६,१४६,१५८,१७३, १८२,१८६,१६८,२१७. नं० गा० २ सू० २०,३८।५. अ० १२४,१२५,१४१,१४२, १६८,१६६,२०६,३८८,४११,४५७,४६०, ५५६,५८६. दसा० ५१७1८६२।२७; १०१३३.५० १२,१४,८२ लोगग्ग (लोकाप) उ. २३१८१,८३,८४; २६३६ लोगनाह (लोकनाथ) आ० ६.११. उ० २२॥४. प० १०,७३ लोगपईव (लोकप्रदीप) आ०६।११. उ० २३१२, ६.५० १० लोगपज्जोयगर (लोकप्रद्योतकर) आ० ६।११. प०१० लोगपाल (लोकपाल) प०६ लोगहिय (लोकहित) आ० ६।११. प० १० लोगायत (लोकायत) अ० ४६,५४८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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