________________
२००
पसुजाति-पाउया
६।४८; १६ सु० ३; २५।२८; ३०१२८. पहिय (पथिक) नि० ७।२६ अ० ३१३
पहियकित्ति (प्रथित कोति) दसा० १०.१५ पसुजाति (पशुजाति) क० ५।१३,१४. नि० ७।८३ पहीण (प्रहीण) आ० २।५; ४।६; ५।४,५. से ८५
द० ३।१३. उ० ५।२५,१४।२६,३०, २११२१; पसुत्त (पसुप्त) उ० २०।३३
२८।३६. अ० २८२. दसा० ५७; १०।२४ से पसुभत्त (पशुभक्त) नि० ६।६
३३. प० ५१,८४ से ८६,६२,१०३,१०६, पसूय (प्रसूत) द० ७।३५. उ० १४१२; २३३५१. १०७,१२४,१२५,१३८ से १५६,१८०,१८१, अ० ३६०
१८४ पिस्स (दश)-पस्स उ० ७।२८.--पस्सइ पहु (प्रभु) उ० १९४२२; ३५।२०
द० ५।१३७.-पस्सामि दसा० ६।२।३४ पहेण (दे०) नि० ११८१ पस्स (दृष्ट्वा ) उ०६।१२।
पहोइ (प्रधाविन्) द० ४।२६ पह (पथ) उ० १०॥३१,३२, २०१५१.
पा (पा)-पाहामि व० २।२६.-पाहामो नं० गा० २२. अ० ३५४,३६२. दसा० १०॥६. नि० ४।११८.- पाहिं उ०१६।५६. प० ६२. व० ७।२५
पाहिसि प० २३७. व० २।३०.-पिबे पहगर (दे०) प० ३०
द०५।१३६ अपहण (प्र+हन)-पहणति दसा. ६।२।४. पाइण्ण (प्राचीन) नं० गा० २४ ---पहणे उ० १८१४८
पाइम (पाक्य, पवित्रम) द० ७।२२ पहय (प्रहत) उ० १२।३६
पाइय (पायित) उ० १६१६८,७० पहरण (प्रहरण) दसा० १०।१४
पाईण (प्राचीन) द० ६।३३. प०७४,८१. पहसिय (प्रहसित) उ० २०१०
व० ११३३ पहा (प्रभा) उ०२८।१२. नं० गा० ३१. पाईणाभिमुह (प्राचीनाभिमुख) दसा० ७।२० दसा० ६१५, ७।२० प० २२,४२
पाउ (प्रादुस्) अ० १६,२०. दसा० ७।२०.
प०४२ पहा (प्र+हा)-पहीयए उ० ३२।१०७ पहाण (प्रधान) द०४।२७. उ० १९९७. पाउं (पातुम्) उ० १७१२ नं० गा० ३०,३८. अनं० २८. प० २६,१६५। पाउ (पीत्वा) उ० १६११
पाउकर (प्र--आ+दु+कृ)-पाउकरिपहाणमग्ग (प्रधानमार्ग) उ० १४॥३१
स्सामि उ० १११.-पाउकरे उ०१८।२४ पहाणव (प्रधानवत् ) उ० २११२१
पाउग्ग (प्रायोग्य) आ० ४।३; ५२. नि० १०॥३३ पहाणि (प्रहाणि) उ० ३१७
पाउण (प्र+आप्)-पाउणइ दसा० १०॥३०. पहाय (प्रहाय) उ०४।२
व० श२१.-पाउणति दसा० १०॥३१. पहार (प्रहार) द०६।८।१०।११
–पाउणिज्जा उ० १६ सू० ३ पहार (प्र-धारय)-पहारेत्थ दसा० १०११५ पहारगाढ (गाढप्रहार) द० ७१४२
पाउणित्ता (प्राप्य, पालयित्वा) दसा० १०॥३०. पिहाव (प्र+धाव)-पहावई उ० २७।६
प० १०६ पहास (प्रभास) नं० गा० २१
पाउन्भूय (प्रादुर्भूत) दसा० १०१४. प० १५ पहाम (प्रहर्ष) अ० ३१६
पाउया (पादुका) प० १०॥१४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org