SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1155
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नगरगुत्तिय-नर ४.१० २,१०,१३,१५,१७,४२ से ४४,५१, ६२,६३,७५,७९ से ८१,८३,१२७,१८४, २८८.० १६. व० ११३३; ४१६,१०. नि १३४ नगरगुत्तिय (नगरगुप्तिक) दसा० १०७. प० नगरमंडल (नगरमण्डल) उ० २३।४ नगरी (नगरी) उ० २३॥३. प० ८३,११३,१२६ नगिण (नग्न) द० ६।६४ नगिणिण (नाग्न्य) उ० ५।२१ नग्गइ (नग्गति) उ० १८०४५ नग्गरुइ (नाग्न्यरुचि) उ० २०४६ नग्गोह (न्यग्नोध) प०१६६ नग्गोहपरिमंडल (न्यग्रोधपरिमण्डल) अ० २३५ नच्चा (ज्ञात्वा) द० ५।१६. उ० ११४१ नच्चाणं (ज्ञात्वा) उ० ८।११।। निज्ज (ज्ञा)-नज्जइ अ० ५५७.-नजति अ० ३१२.–नज्जिहिति अ० ७१४ नट्ट (नाट्य) उ०१३।१४,१६. दसा० १०॥१८. प०६. नि. ६।२२ नट्ट (नर्तक) अ० ८८ नट्टग (नतंक) ५० ६२ नट्ठ (नष्ट) नं० ५३. अ० ५२०. नि० १३१२८ नड (नट) अ० ८८. प० ६२ नत्तुई (नप्त्री) ५० ७२ नत्तुणिय (नप्तक) द० ७।१८ नतुणिया (नप्तका) द० ७।१५ नदंत (नदत्) वसा० ६।२।२ नदी (नदी) उ०१६।५६. अ० २६६,३५४,३६२, ५३१,५३५ नदीहते (सं०) अ० २६६ नपुंस (नपुंसक) उ० ३६०५१ नपुंसकलिंगसिद्ध (नपंसकलिङ्कसिद्ध) नं० ३१ नपुंसग (नपुंसक) उ० ३६।४६. अ० २६४ ।। नपुंसगवेद (नपुंसकवेव) उ० २६।६. अ० २७५ नपुंसवेय (नपुंसकवेद) उ० ३२।१०२ नभंगण (नभोङ्गन) ५० २५ Vनम (नम्)-नमइ उ० ११४५.-नमेइ उ० ६६१ निमंस (नमस्य)-नमंसइ दसा०१०।१६.५० १०.--नमंसति द० १११. उ०१६।१६.--- नमंसति दसा० १०.२०.-नमंसे द०६।११. ---नमज्जा व० १०२ नमसंत (नमस्यत्) उ० २५।१७ नमंसित्ता (नमस्यित्वा) दसा० १०७. ५०१० नमि (नमि) आ० २।४; ५।४. उ०६।२,३,५,८, ११,१३,१७,१६,२३,२५,२७,२६,३१,३३, ३७,३६,४१,४३,४५,४७,५०,६१,६२, १८।४५. नं० गा० १६. ५० १४० नमिपवज्जा (नमिप्रव्रज्या) उ०६ नमुक्कारसहिय (नमस्कारसहित) आ० ६।१ नमो (नमस्) आ० १३१. उ० २०११. नं० गा० ५. अ० ३०८।४.५० १० नमोक्कार (नमस्कार) आ० ५।३. द० ५।६३. अ० २६ नय (नय) उ० २८।२४; ३६।२४६. अ० ७५, ५०६,५५४,५५७,५६८,६०६,७१३,७१५. प०६ नय (नत) नं० गा० १६ नयण (नयन) उ० २०१२८; ३४।४, दसा० १०।१६.५० १०,२३,२६,२९,७५ नयण (उप्पाडिय) (नयनोत्पाटित) दसा० ६॥३ नयर (नगर) उ० १३१३; १८११; १९६९; २२।१, ३. दसा० १०११,३५. प० १६६ नयरमंडल (नगरमण्डल) उ०२३।८ नयरी (नगरी) उ०२०।१८. दसा०६।१.५०१०६ नयव (नयवत्) दसा० ६।२।१० नर (नर) द० ५।१४६,७१५,५३,८१५६; ६।२१, २४,२६,३६,४६; चू० १११८. उ० ११६; ४।२; ७।११,२०, ६।४८; १३।१०,१२,१८, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy