________________
जहण्ण-जाईसर
१२३
जहण्ण (जघन्य) नं० १८,२०,२२,२५. अ० १२६, । जहाफुड (यथास्फुट) उ० १९७६
१२७,१७०,१७१,२११,२१२,४०२ से ४०४, । जहाभाग (यथाभाग) द० ५।१३ ४३३,४५९,४६२,५६८. दसा०६।१२ से १८. जहाभूय (यथाभूत) उ०२०।५४; २५।३५ व० ३।३,५,७; १०१२०
जहामट्ठ (यथामृष्ट) उ० २५।२१ जहण्णपय (जघन्यपद) अ० ४६०
जहाय (हित्वा) उ० १४।२ जहण्णय (जघन्यक) अ० ३७४,५७५,५७७ से जहारिह (यथाह) द० ७।१७,२०
५७६,५८१ से ५८४,५८७,५८६,५९०, ५६२, जहावाइ (यथावादिन) उ० २६।५२
५६३,५६५,५६६,५६८,५६६,६०१,६०२ जहासुत्त (यथासूत्र) उ० ३५।१६ जहन्न (जघन्य) उ० ३०।१५; ३४।३४ से ३६,४२, जहासुय (यथाश्रुत) उ० ११२३
४६,४६,५०,५२,५४,५५; ३६।५०,५३,१६०, जहासुह (यथासुख) उ० १७.१; १६८४,८५ १६७,२१६,२२०,२२२ से २४३,२४५
जहाहिय (यथाहित) उ०२०।२३ जहन्नग (जघन्यक) उ० ३६।१०२
जहिऊण (हित्वा) उ० ३५।२० जहन्नय (जघन्यक) उ० ३६।१४,२१,८२,६०, जहिं (यत्र) द० ५।३५. उ० १२।१३. नं० १२०.
१०३,१०४,११४,११५,१२३,१२४,१३३,१३४, ० १०॥६ १४२,१४३,१५२,१५३,१६८,१७७,१८६,१६३, जहिच्छ (यथेच्छ) उ० २३।२२ २०२,२४६
जहित्ताणं (हित्वा) उ० १८१४० जहन्निया (जघन्यिका) उ० ३३।१६,२१ से २३;
जहित्तु (हित्वा) उ० २११११ ३४१४१,४३,४८,५३; ३६१३,८०,८८,८६, जहेव (यथैव) अ० १७५ ११३,१२२,१३२,१४१,१५१,१७५,१७६, जहोइय (यथोचित) उ० २२।२१ १८४,१८५,१६१,१६२,२००,२०१,२२१, जहोवइट्ट (यथोपदिष्ट) द० ६।४२ २५१
इजा (जन्) -जायइ उ० १६७८. -जायए जहा (यथा) द० ११२. उ० ११४. नं० १. अनं० उ० ११४५. —जायंति उ० ३२।१०५
८. जोनं० १. अ० १. दसा० ११३. प० ७. जा (या) -जंति उ० ७।२१. -जाइ उ० ३।१२ क० २।२८. व० २।२२ ।
जाइ (जाति) द० ७।२१; ८।३०६।४७; १०।१४ जहाजाय (यथाजात) उ० २२॥३४
१६,२१. उ० ३।२; ६।१,२; १२।५,१३,१४, जहाठाण (यथास्थान) उ० ३१६
३७; १३।१,७,१८,१६; १४१४,५; १६१८ जहाणामय (यथानामक) अनं० १२,१३,१६ से २२१४०; ३२१७. अ० २८२ १८,२० से २२,२६ से २८
जाइत्ता (याचित्वा) द० ८।५. नि० ११२७ जहाणुपुवी (यथानुपूर्वि) उ० २६१७२
जाइपह (जातिपथ) द० ६।४; १०।१४; चू०
२।१६. उ०६२ जहाथाम (यथास्थामन्) उ० ३०।३३ जहानामय (यथानामक) नं० १२ से १५,१७,५२, जाइमंत (जातिमत्) द० ७।३१
५३,१२६. अ० ४१६,४२२,४२४,४२६,४३१, जाइमूयत्त (जातिमूकत्व) दसा० १०१२६ ४३६,४३८,४३६,५२६,५५५,५५६,५८६.
जाइय (याचित) उ० २।२८ दसा० ६।४; १०।२७
जाइस्सर (जातिस्मर) प० १८७,२०७ जहानाय (यथान्याय) उ० २३।३८,४३,४६,४८ जाईसर (जातिस्मर) प० २१४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org