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किण्हपक्खित-कीरमाण किण्हपक्खित (कृष्णपाक्षिक) सा० ६।६
किरियाविसाल (क्रियाविशाल) नं० १०४,११७ किण्हमिग (कृष्णमृग) अ० ३५३
किलंत (क्लान्त) उ० १६०५६. प० २८५. क० किण्हमिगाईण (कृष्णमृगाजिन) नि० ७१० से
३।२२; ४।२८
किलाम (क्लम) आ० ३।१ किण्हलेसा (कृष्णलेश्या) आ० ४१८. उ० ३४।४, इकिलाम (क्लमय)-किलामेइ द० ११२ २२,३४
-किलामेसि द० ५।१०५ /कित्त (कीर्तय)-कित्तइस्सं आ० २०१; ६० किलामिय (क्लमित) आ० ४।४ ५।१४३ ---कित्तइस्सामि उ० ३४९६. अ०
किलामियय (क्लमितक) अ० ३१७२ ७४।२
किलिंच (दे०) ८० ४ सू० १८ कित्तयय (कीर्तयत) उ०२४।६ ; ३६।४८,१७६, १६५; २०४
किलिट्ठ (क्लिष्ट) उ० ३२।२७,४०,५३,६६,७६
६२ कित्ति (कीति) द० ६।१६, ६।४ सू० ६,७. उ०
किलिन्न (क्लिन्न) उ० २।३६ ११४५; ११३१५; १४१३; १८१३६,४६. नं०
Vकिलिस (क्लिश्)-किलिस्सई उ० २७।३ गा० २७. दसा०६।२।३८ कित्तिय (कीर्तित) आ० २।६,५।४।६
किलेस (क्लेश) द० चू० १।१५. उ० २१।११; कित्ती (कोति) दसा० १०११५
३२।३२,४५,५८,७१,८४,६७
किलेसइत्ता (क्लेशयित्वा) उ०२०।४१ किन्नर (किन्नर) उ० १६।६; २३।२०; ३६।२०७ अ० ६३,६७,२५४. ५० ३२,४२
किविण (कृपण) द० ५।११०. दसा० ७१५. व. किब्बिसिय (किल्बिसिक) उ० ३६।२५६,२६५.
१०१३ दसा० १०२६
किविणकुल (कृपणकुल) दसा० १०॥३२.५० ११ किमंग (किमङ्ग) बसा० १०.११. ३० ६।६;
१२,१४
किविणपिंड (कृपणपिण्ड) नि० ८।१८ ७.२५
किन्विसिय (किल्विषिक) दसा० १०।१८ किमि (कृमि) उ० ३६।१२७ किमिच्छय (किमिच्छक) द० ३।३
किस (कश) उ० २।३।। किमि राग (कृमिराग) अ० ४३
किसल (किसल) अ० ५६६।४ कियवच्छ (कृतवत्स) अ० ५६६।१
किसलय (किसलय) अ० ५६६।३ किर (किल) अ० ३६८।१
कीड (कीट) ६० ४ सू० ६,२३. उ० ३।४; किरण (किरण) प० २१,२३,३०,३१
३६।१४६ किरिया (क्रिया) आ० ४१८,६. उ० १८२३,३३; कीडय (कोटज) अ० ४०,४३ ३१७,२२. नि० ५।६४।
कीडा (क्रीडा) उ० १९ किरियाद्वाण (क्रियास्थान) ० ४१८
कीय (क्रीत) द० ६१४८,४६; ८।२३. अ० ५५७. किरिया (रुइ) (क्रियारुचि) उ. २०१६,२५
दसा० २१३. नि० १४।१।१८।२,३३; १६१ किरियारुइ (क्रियारुचि) उ २८१२५
कीय (कोच) द० ६१ किरियावाइ (क्रियावादिन्) नं० ८२
कीयगड (क्रीतकृत) द० ३।२; १५५. उ० २०१४७ किरियावादि (क्रियावादिन) दसा० ६७ कीरमाण (क्रियमाण) द० ७।४०. व० २१५
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