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________________ करेत्ताणं-कसिण १०१६.५०५ करेत्ता (कृत्वा) द० ३।१४ करेमाण (कुर्वाण, कुर्वत) उ० २६॥३,७३. दसा १३; १०।१४. क० ४११,२,३. व० १०॥४१ करोडिया (करोटिका) अ० ३७७ करोति ( ) अ० ३६८ कल (कल) दसा०६।३ । कलंब (कदम्ब) उ० १६०५०. ५० ५,६,३६ कलकलंत (कलकलायमान) उ०१६।६८ कलत्त (कलत्र) उ०६।१५ कलमाय (कलमात्र) नि० १२।८,६ कलस (कलश) दसा० १०।१४. १० २४,२६,२८ कलसिय (कलशिक) अ० ३७७ । कलह (कलह) द० ५।१२ चू० २।५. उ०८४ ११।१३; १७.१२. दसा० ६।३. नि० ६।१२; १२१२८; १७।१५० कलहंस (कलहंस) प० ३० कलहकर (कलहकर) दसा० ११३ कला (कला) उ०६।४४; २११६. नं०६७. अ. ४६,५४८. प १६५ कलाव (कलाप) दसा० १०।२४. प० २४,२६, ४२,६२ कलाहिय (कलाधिक) अ० ३०२।३ कलि (कलि) उ० ५।१६. अ० ३१५।२ कलिंग (कलिङ्ग) उ०१८।४५ कलिंच (दे०) नि० ११२;४।११३; ६।३;७८४ कलिय (कलित) १० २०,४०,६२,६४ कलिय (कलिक) दसा० १०।८,१५ कलुण (करुण) द० ६।२५. अ० ३०६।१ कलुस (कलुष) द० ४।२०,२१. अ० ३१५१२. दसा० ६।२।१७ कल्ल (कल्य) उ०२०।३४. अ० १६,२०. दसा० ७।२०. ५० ४२ कल्लाण (कल्याण) द० ४।११, ५११४३. उ० श ३८,३६; २।२३.४२; ११।१२. दसा० ६।३, ७; १०।११,२२ से ३२, ५०४,५,६,१६, ३६ से ३८,४२,४६,४७,७३,७४,१०६,१७८. ३० १०॥२,४. नि० ७।१० से १२; १७११२ से १४ कल्लाणकारग (कल्याणकारक) ५०६ कल्लाणग (कल्याणक) दसा० १०१११. १०४२ कल्लाणभागि (कल्याणभागिन्) द० ६।१३ कल्लाल (कल्यपाल) अ० ३२३ कल्लोल (कल्लोल) प० ३१ कवड (कपट) दसा० ६।३ कवल (कवल) उ० १६।३७. व० ८।१७ कवाड (कपाट) आ० ४।६. द० ५।१८,१०६. उ० ३५।४. अ० ५६६ कवाल (कपाल) वसा० ६।३.५० ४२ कवि (कवि) अ० ३२७।२,५२५॥१ कविट्ठ (कपित्थ) द० ५॥१२३. ऊ० ३४।१२,१३ कविल (कपिल) उ० ८।२० कविहसिय (कपिहसित) अ० २८७ कवोल (कपोल) प० २१ कव्वरस (काव्यरस) अ० ३०६,३१८।३ कस (कश) उ० १।१२१२।१६. दसा० ६३. व० १०२,४ कसाय (कषाय) आ० ४।३,८, ५२२. १० ५६७; ७।५७; ८।३६; ६३५४; १०१६. उ० १९९१ २३॥३८,५३; ३१॥६, ३६३१८,३१. अ० २६०,२६३,२७६,२६१,२६३,२६५,२६७,५११ प० ५८. नि० २।४३ कसायज (कषायज) उ० ३३।११ कसायमोहणिज्ज (कषायमोहनीय) उ० ३३।१० कसायपच्चक्खाण (कषायप्रत्याख्यान)उ० २६१,३७ कसिण (कृष्ण) अ० ५३३।१ कसिण (कृत्स्न ) द०८।३६,६३. उ० ८।१६; १५।३,४,६; २१।११, २६७२. अ०६६, ६७,५५७. दसा० ८।१; १०१३३. ५० १,२४, ८१,८७,१०८,११५,१२६,१३०,१६०,१६६. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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