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________________ ८२ कड्ढ़ोकड्ढ-कप्प कड्ढोकड्ढ (कर्षापकर्ष) उ० १९५२ कण्हलेसा (कृष्णलेश्या) उ०३६।२५६ कणकुंडग (कणकुंडक) उ० ११५ कण्हसह (कृष्णशाखा) ५० १६८।२ कणग (कनक) नं० गा० ३७. वसा० १०॥११,१४. कण्हुई (क्वचित्) उ० ११७. दसा० १०।२६ प० २,७,२३,२४,२८,३२,४२,५२,७४,७८, कण्हुहर (कुतोहर) उ० ७.५ नि० ७.१० से १२; १७।१२ से १४ कतर (कतर) बसा० ३१२,५।२; ७२ कणग (कणक) प० २५२ कति (कति) अ० १२४,१२५,१४१,१४२,१६८, कणगकत (कनककृत) नि० ७.१० से १२,१७११२ १ ६६,२०६ से १४ कत्तरिमुंड (कर्तरीमुण्ड) ५० २८१ कणगखचिय (कनकखचित) नि० ७.१० से १२ कत्तिय (कार्तिक) उ० २६।१५. अ० ३४१. कणगपट्ट (कनकपट्ट) नि० ७.१० से १२; १७११२ १०८४ __ से १४ कत्तियपाडिवय (कातिकप्रतिपत्) नि० १६।१२ कणगफूल्लिय (कनकपुष्पित) नि०७।१० से १२; कत्तिया (कृत्तिका) अ० ३४१. प० १२७ १७।१२ से १४ कत्तियादास (कृत्तिकादास) अ० ३४१ कणगसत्तरि (कनकसप्तति) नं० ६१. अ० ४६, कत्तियादिण्ण (कृत्तिकादत्त) अ० ३४१ ५४८ कत्तियादेव (कृत्तिकादेव) अ० ३४१ कणगावलि (कनकावलि) नि० ७७ से ८; १७६ कत्तियाधम्म (कृत्तिकाधर्म) अ० ३४१ कत्तियारक्खिय (कृत्तिकारक्षित) अ० ३४१ कणय (कनक) नं० गा० १३ कत्तियासम्म (कृत्तिकाशर्मन्) अ० ३४१ कणिटुग (कनिष्ठक) उ० २०१२६,२७ कत्तियासेण (कृत्तिकासेन) अ० ३४१ कणियासमाणवण्णय (कणिकासमानवर्णक) ५० कत्तु (कर्त) उ०१३।२३, २०१३७ २६५ कत्तो (कुतस्) उ० ३२।३२,४५,५८,७१,८४,६७ कणीयस (कनीयस्) प० १८३ कत्थ (कुत्र) उ० ३६॥५५, अ० २७ कण्ण (कर्ण) द० ८।२०,२६,५५, ६।४८ कत्थ (कथ)-कत्थइ प० ३४ कण्णच्छिण्ण (कर्णछिन्न) नि० १४१७; १८।३६ कत्थइ (कुत्रचित्) द० ५।१०८, उ० २।२७ कण्णमल (कर्णमल) नि० ११३०, ३।६८, ४११०६; कन्नच्छिन्न (छिन्नकर्ण) दसा०६।३ ६।७७; ७१६६, ११।६३, १५।६५,१५१; कन्ना (कन्या) द. ६।५३. उ० २२१६ से ८,३१, १७४६७,१२१ ४० कण्णसर (कर्णशर) द० ६।४६ कनिया (कणिका) नं० गा० ७ कण्णसोय (कर्णश्रोत) नि० १७११३६ से १३६ कपि (कपि) अ० ३६८ कण्णसोहणग (कर्णशोधनक) नि०१।१८,२२,३०, कपिजल (कपिञ्जल) दसा० ६।३ ३४,४८ कपित्थ (कपित्थ) अ० ३६८ कण्णसोहणय (कणंशोधनक) नि० १।२६; २।१७ ।। कपोत (कपोत) दसा० ६।३ कण्णा (कन्या) अ० २५० किप्प (कृप)-कप्पइ द०५।२८. क० १११. व. कण्ह (कृष्ण) उ० ३६।१८ १।१६. नि० २३६.-कप्पई द०६।५२. कण्हलेस (कृष्णलेश्य) अ २७५ --कप्पंति क०४१४. व. १०१३. कप्पति Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003556
Book TitleNavsuttani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Mahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2000
Total Pages1316
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size29 MB
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